विराट कोहली ने पास किया फिटनेस टेस्ट, टीम इंडिया के लिए राहत की खबर
कोहली की फिटनेस पर लगी मुहर
भारतीय क्रिकेट के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली की फिटनेस को लेकर चल रही अटकलों का अब अंत हो गया है। आईपीएल 2025 के बाद से खेल से दूर रहने वाले कोहली ने इंग्लैंड में बीसीसीआई द्वारा आयोजित आवश्यक फिटनेस टेस्ट को सफलतापूर्वक पास कर लिया है। यह उपलब्धि उन्हें उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल करती है जिन्होंने विदेश में यह टेस्ट पूरा किया है। भारत-ऑस्ट्रेलिया वनडे श्रृंखला और विश्व कप 2025 के दृष्टिगत, यह खबर न केवल टीम के लिए राहत का कारण है, बल्कि प्रशंसकों के उत्साह को भी बढ़ाती है।क्या कोहली को मिली छूट संकेत है?
जहां अन्य सीनियर खिलाड़ी जैसे रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज ने बेंगलुरु के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में रिपोर्ट किया, वहीं कोहली को लंदन में टेस्ट देने की अनुमति मिली। बीसीसीआई के फिटनेस और मेडिकल स्टाफ की निगरानी में हुए इस टेस्ट में कोहली ने सभी मानकों को पार कर लिया। यह विशेष अनुमति सवाल उठाती है कि क्या बोर्ड अपने नियमों में लचीलापन दिखा रहा है।
प्रशंसकों के लिए यह कदम कितना महत्वपूर्ण?
विराट कोहली का लंदन में फिटनेस टेस्ट देना उनके समर्पण को दर्शाता है। यह आम प्रशंसकों के लिए यह संकेत भी है कि चाहे खिलाड़ी कितना ही बड़ा क्यों न हो, फिटनेस को लेकर कोई समझौता नहीं होता। साथ ही, यह युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करता है कि शारीरिक तैयारी सफलता की कुंजी है।
वनडे पर ध्यान केंद्रित
कोहली अब टेस्ट और टी20 से दूरी बनाकर अपने पूरे ध्यान को वनडे प्रारूप पर केंद्रित कर चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ वापसी करते हुए उनका अनुभव युवा खिलाड़ियों के लिए मार्गदर्शक साबित होगा। विशेष रूप से मिडिल ऑर्डर में उनकी उपस्थिति टीम को स्थिरता प्रदान कर सकती है, जो बड़े टूर्नामेंटों में महत्वपूर्ण होती है।
फिटनेस टेस्ट का पहला चरण
29 अगस्त को बेंगलुरु में आयोजित पहले चरण के टेस्ट में खिलाड़ियों की बेसिक स्ट्रेंथ, स्टैमिना और रिकवरी का मूल्यांकन किया गया। इस प्रक्रिया में कई सीनियर और युवा खिलाड़ियों ने अपनी फिटनेस साबित की। सफल खिलाड़ियों में रोहित शर्मा, शुभमन गिल, मोहम्मद सिराज, हार्दिक पंड्या, मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव, संजू सैमसन, रुतुराज गायकवाड़, अभिषेक शर्मा, रिंकू सिंह और हर्षित राणा शामिल हैं। कुछ खिलाड़ियों को आंशिक टेस्ट से गुजरना पड़ा क्योंकि वे रिहैब या वर्कलोड मैनेजमेंट में थे।
अगले चरण की तैयारी
सितंबर में होने वाले दूसरे चरण में उन खिलाड़ियों का मूल्यांकन होगा जो चोट से वापसी कर रहे हैं, जिनमें केएल राहुल, रवींद्र जडेजा, ऋषभ पंत, नितीश रेड्डी और आकाश दीप शामिल हैं। बीसीसीआई का यह चरणबद्ध सिस्टम खिलाड़ियों की फिटनेस को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रमाण है।
क्या नियमों में बदलाव संभव है?
कोहली को मिली अनुमति अब यह बहस छेड़ रही है कि क्या अनुभवी खिलाड़ियों के लिए भौगोलिक सुविधा दी जानी चाहिए। जहां एक ओर वरिष्ठ खिलाड़ियों की प्रोफेशनल अप्रोच पर भरोसा किया जा सकता है, वहीं बहुत अधिक छूट देने से नियमों में असमानता का खतरा भी पैदा हो सकता है।