वोटर आईडी कार्ड में उम्र की गलती: 31 वर्षीय महिला को 102 वर्ष का बताया गया
वोटर आईडी कार्ड में उम्र की चौंकाने वाली गलती
हरियाणा के पानीपत की निवासी रेनू कादियान, जो भगत सिंह फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं, के वोटर कार्ड में उनकी उम्र 102 वर्ष दर्ज की गई है। जबकि उनकी असली उम्र केवल 31 वर्ष है।
रेनू ने इस गलती के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट साझा करते हुए चुनाव आयोग से सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, "किस आधार पर मेरी उम्र 102 वर्ष लिखी गई? यदि असली पहचान पत्र में उम्र में बदलाव किया जा सकता है, तो वोटर लिस्ट में नाम जोड़ना या घटाना कितना आसान होगा, इस पर विचार करें।"
चुनाव आयोग पर उठे सवाल
रेनू कादियान ने 7 अगस्त को एक घंटे से अधिक का प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें उन्होंने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का खुलासा किया। उनका दावा है कि लोकसभा चुनावों के साथ-साथ महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट में अनियमितताएँ हुई हैं।
इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को "गुमराह करने वाला" बताया है।
रेनू कादियान की पहचान
रेनू कादियान एक समाजसेवी और फिटनेस उत्साही हैं, जो युवाओं के बीच सामाजिक जागरूकता फैलाने का कार्य करती हैं। वह भगत सिंह फाउंडेशन के माध्यम से सामाजिक गतिविधियों और जागरूकता शिविरों का आयोजन करती हैं। उनके पोस्ट अक्सर युवाओं को प्रेरित करने वाले होते हैं।
इस घटना ने वोटर डेटा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि एक असली पहचान पत्र में इतनी बड़ी गलती हो सकती है, तो वोटर आईडी में सुधार की प्रक्रिया कितनी पारदर्शी है, यह सोचने का विषय है।