शशि थरूर ने राहुल गांधी के पोस्ट को रीशेयर कर राजनीतिक चर्चा को बढ़ावा दिया
नई दिल्ली में राजनीतिक हलचल
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने राहुल गांधी की एक महत्वपूर्ण पोस्ट को रीशेयर करके राजनीतिक चर्चाओं को नया मोड़ दिया है। इस पोस्ट में मोदी सरकार द्वारा MGNREGA योजना में किए गए परिवर्तनों की आलोचना की गई है। यह कदम शशि थरूर के उस सोशल मीडिया पोस्ट के समर्थन में आया है, जिसमें उनकी तुलना राहुल गांधी से की गई थी, जिससे पार्टी में असंतोष उत्पन्न हुआ था।
राजनीतिक संतुलन की कोशिश
शशि थरूर का राहुल गांधी की आलोचना को उजागर करने का निर्णय एक राजनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। हाल के समय में, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने और पार्टी के आधिकारिक रुख से भिन्न राय रखने के लिए कांग्रेस के भीतर आलोचना का सामना करना पड़ा है। कुछ पार्टी के नेताओं ने उनकी बीजेपी के प्रति नजदीकी और सार्वजनिक बयानों पर सवाल उठाए हैं।
राहुल गांधी का रीशेयर किया गया पोस्ट
शुक्रवार को, शशि थरूर ने राहुल गांधी की उस पोस्ट को रीशेयर किया, जिसमें सरकार पर MGNREGA में हानिकारक बदलाव करने का आरोप लगाया गया था। थरूर ने कहा कि MGNREGA भारत के सबसे सफल विकास कार्यक्रमों में से एक है और यह ग्रामीण गरीबों के लिए एकमात्र सामाजिक सुरक्षा कवच है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस योजना को कमजोर करना या समाप्त करना एक नकारात्मक कदम होगा और इसे वापस लिया जाना चाहिए।
शशि थरूर के आरोप
थरूर द्वारा साझा की गई पोस्ट में, राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर MGNREGA के दो दशकों के काम को 'खत्म' करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि VB–G RAM G नाम की नई प्रणाली कोई सुधार नहीं है, बल्कि यह योजना के अधिकार-आधारित और मांग-संचालित स्वरूप से पूरी तरह भिन्न है। उनके अनुसार, ये बदलाव MGNREGA को एक सीमित और केंद्र द्वारा नियंत्रित कार्यक्रम में बदल देते हैं, जिससे राज्यों, गांवों और श्रमिकों की शक्ति कम हो जाती है।
MGNREGA में बदलाव का प्रभाव
राहुल गांधी ने बताया कि MGNREGA ने ग्रामीण श्रमिकों को गारंटीशुदा काम देकर मोलभाव करने की शक्ति दी। इससे शोषण, मजबूरी में पलायन और गरीबी कम करने में मदद मिली, साथ ही मजदूरी और काम करने की स्थितियों में सुधार हुआ। उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान इस योजना की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला, जब इसने लाखों लोगों को नौकरी छूटने और आर्थिक मंदी से बचाने में मदद की।
उन्होंने यह भी कहा कि इन परिवर्तनों से महिलाएं, दलित, आदिवासी, भूमिहीन मजदूर और गरीब OBC समुदाय सबसे अधिक प्रभावित होंगे। राहुल ने बिना उचित बहस के कानून पास करने के लिए सरकार की आलोचना की और विपक्ष की इसे डिटेल से जांच के लिए स्टैंडिंग कमेटी को भेजने की मांग को खारिज कर दिया।
शशि थरूर का कदम क्यों?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शशि थरूर का पोस्ट को दोबारा शेयर करना कांग्रेस नेतृत्व को पार्टी की विचारधारा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का विश्वास दिलाने का प्रयास है। साथ ही, यह उन्हें एक स्वतंत्र विचारक के रूप में अपनी छवि बनाए रखने में मदद करता है। यह देखना बाकी है कि यह कदम कांग्रेस के भीतर तनाव को कम करेगा या और बहस को बढ़ाएगा, लेकिन इसने निश्चित रूप से थरूर की नाजुक राजनीतिक स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया है।