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शादियों में पटाखों का नया ट्रेंड: यमुनानगर में बढ़ती आतिशबाजी

यमुनानगर में शादियों में पटाखों का चलन तेजी से बढ़ रहा है, जिससे व्यापार में भी उछाल आया है। पिछले कुछ वर्षों में, शादियों में स्काई शॉट पटाखों का उपयोग बढ़ा है, जिससे न केवल खुशी मिलती है, बल्कि प्रदूषण की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। जानें इस नए ट्रेंड के पीछे के कारण और इसके प्रभाव।
 

यमुनानगर में शादियों में पटाखों का चलन

यमुनानगर। अब केवल दिवाली पर ही नहीं, बल्कि शादियों में भी आतिशबाजी का चलन बढ़ गया है। इस कारण शादियों को खास बनाने के लिए धूमधाम से पटाखे चलाए जा रहे हैं। इस नए ट्रेंड से पटाखा व्यापार में भी तेजी आई है। अगले कुछ महीनों में जिले में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक के पटाखे बिकने की उम्मीद है। शादी के सीजन में पटाखा विक्रेता भी अच्छा लाभ कमा रहे हैं। दिवाली पर जिन पटाखों की कीमत 500 रुपये थी, वे अब 700 से 800 रुपये में बिक रहे हैं। लोग कीमतों पर मोलभाव करते हैं, लेकिन व्यापारी कम कीमत पर बेचने को तैयार नहीं हैं।


शादियों में पटाखों का बढ़ता चलन

पिछले चार-पांच वर्षों से शादियों में पटाखे चलाने का चलन बढ़ा है। अब जमीन पर होने वाली आतिशबाजी की जगह स्काई शॉट्स को प्राथमिकता दी जा रही है। यदि किसी लड़के की शादी है, तो उसमें एक बार नहीं, बल्कि पांच बार आतिशबाजी की जाती है। लड़के के मंडा कार्यक्रम, बारात विदाई, जयमाला, दूल्हन की विदाई और अंत में दूल्हन के घर आने पर स्काई शॉट पटाखों से आतिशबाजी की जाती है।


प्रदूषण की समस्या

शादियों में आतिशबाजी से उन परिवारों को खुशी मिलती है जिनकी शादी होती है, लेकिन यह अन्य लोगों के लिए परेशानी का कारण बनता है। शादियों में हो रही आतिशबाजी से वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया है। पिछले कुछ दिनों से एक्यूआई 250 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ऊपर बना हुआ है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके अलावा, पटाखों के जलने के बाद कूड़ा भी फैलता है।


यमुनानगर जिले की शादी का खर्च

विशेषज्ञों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में एक शादी में औसतन 5,000 रुपये के पटाखे चलाए जा रहे हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह खर्च दोगुना होकर 10,000 रुपये तक पहुंच जाता है। जिले में 655 गांव हैं। यदि प्रत्येक गांव में दो शादियों का अनुमान लगाया जाए, तो यह राशि 1 करोड़ 31 लाख रुपये बनती है। इसी तरह, शुभ मुहूर्त में शहर में 250 शादियों का अनुमान है, जिससे 25 लाख रुपये से अधिक के पटाखे जलाए जाएंगे। यह केवल एक अनुमान है, असल में शादियों की संख्या इससे अधिक हो सकती है।