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शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री योगी का शिक्षकों के लिए बड़ा तोहफा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों के लिए कैशलेश उपचार की सुविधा की घोषणा की है। इस योजना का लाभ बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के सभी शिक्षकों को मिलेगा, जिसमें शिक्षामित्र और अनुदेशक भी शामिल हैं। समारोह में शिक्षकों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया और शिक्षा के क्षेत्र में यूपी की प्रगति पर भी चर्चा की गई। जानें इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी।
 

मुख्यमंत्री ने दी कैशलेश उपचार की सुविधा

लखनऊ। शिक्षक दिवस के अवसर पर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों को एक महत्वपूर्ण उपहार प्रदान किया है। उन्होंने शिक्षकों के लिए कैशलेश उपचार की सुविधा की घोषणा की, जिससे बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के सभी सरकारी, एडेड और सेल्फ फाइनेंस शिक्षकों को लाभ होगा। इसके साथ ही, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। यह घोषणा लखनऊ में शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान की गई, जो लोकभवन में शाम 4 बजे से आरंभ हुआ।


इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने परिषदीय विद्यालयों के 66 और माध्यमिक शिक्षा विभाग के 15 शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इसके अलावा, उन्होंने राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और मॉनिटरिंग के लिए प्रधानाचार्यों को टैबलेट और प्रमाण पत्र भी वितरित किए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसिक शिक्षा ने बाल वाटिका का एक नया स्वरूप प्रस्तुत किया है, जिसमें इस सत्र में 5000 से अधिक बाल वाटिकाएं शुरू की गई हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चों को मुख्यमंत्री पोषण योजना से जोड़ा जाएगा, जिससे बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होगा और देश का भविष्य भी उज्जवल होगा। यूपी की बेसिक शिक्षा ने विभिन्न संस्थाओं के सर्वेक्षण में सबसे अधिक प्रगति की है, जिसमें 60 लाख से अधिक बच्चे परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं।


उन्होंने शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय में जल्द वृद्धि की बात भी कही और इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है। सीएम ने कहा कि समिति की रिपोर्ट आने के बाद सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। इस अवसर पर, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि आज का दिन प्रेरणादायक है। हम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती मना रहे हैं और उनके योगदान को याद कर रहे हैं। यह कार्यक्रम शिक्षकों को सम्मानित करने के साथ-साथ उनकी निष्ठा और योगदान को प्रणाम करने के लिए है। राधाकृष्णन राष्ट्र के शिल्पकार हैं, जैसे एक दीपक जो खुद को जलाकर दूसरों का मार्ग प्रशस्त करता है।