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श्रीकाकुलम मंदिर भगदड़: प्रबंधन ने हादसे की जिम्मेदारी से किया इनकार

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में शनिवार को हुई भगदड़ में नौ श्रद्धालुओं की जान चली गई। मंदिर के संस्थापक मुकुंद पांडा ने इस हादसे के लिए जिम्मेदारी से इनकार किया है, यह कहते हुए कि श्रद्धालु अचानक आगे बढ़ गए थे। हादसे का कारण एकादशी और कार्तिक महीने का त्योहार एक साथ आना बताया जा रहा है, जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और मंदिर प्रबंधन का विवादास्पद बयान।
 

हादसे में हुई जनहानि


आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में शनिवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस घटना में नौ लोगों की जान चली गई, जिनमें आठ महिलाएं और एक बच्चा शामिल हैं। कई अन्य लोग घायल भी हुए हैं। पुलिस के अनुसार, यह मंदिर एक निजी संस्था द्वारा संचालित किया जा रहा था और आवश्यक अनुमतियों के बिना ही कार्यरत था। आयोजकों ने सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया, जिसके चलते पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।


मंदिर प्रबंधन का बयान

भगदड़ की इस घटना के बाद मंदिर के संस्थापक मुकुंद पांडा ने कहा कि वह इस हादसे के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु अचानक एक साथ आगे बढ़ गए, जिससे यह घटना हुई। पांडा ने यह भी कहा कि उन्होंने पुलिस को सूचित नहीं किया था क्योंकि उन्हें लगा कि सब कुछ सामान्य रहेगा। उन्होंने यह स्वीकार किया कि इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी।


भीड़ का कारण

शनिवार को यह हादसा एकादशी और कार्तिक महीने के त्योहार के एक साथ आने के कारण हुआ, जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। पांडा ने कहा कि इतनी भीड़ को संभालना उनके लिए मुश्किल हो गया। उन्होंने कहा, "मैं आमतौर पर सभी को लाइन में भेजता हूं, लेकिन कल बहुत भीड़ थी। मुझे नहीं पता क्या हुआ, मैंने पुलिस को कोई सूचना नहीं दी।"