श्रीनगर एयरपोर्ट पर सेना अधिकारी की हिंसा: स्पाइसजेट ने लगाया पांच साल का बैन
श्रीनगर एयरपोर्ट पर विवादास्पद घटना
26 जुलाई को श्रीनगर एयरपोर्ट पर एक घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दी, जब एक सेना अधिकारी ने स्पाइसजेट के कर्मचारियों के साथ मारपीट की। इस घटना के बाद एयरलाइन ने उस अधिकारी को अपनी उड़ानों में पांच साल के लिए यात्रा करने से प्रतिबंधित कर दिया है। यह कदम दर्शाता है कि एयरलाइंस अब असामाजिक यात्रियों के मामले में कोई ढील नहीं देने वाली है।
घटना का विवरण
यह विवाद श्रीनगर से दिल्ली जाने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट SG-386 के बोर्डिंग गेट पर हुआ। अधिकारी के पास दो कैबिन बैग थे, जिनका कुल वजन 16 किलो था, जबकि नियम के अनुसार केवल 7 किलो सामान ले जाने की अनुमति है। जब स्टाफ ने अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा, तो अधिकारी ने नियमों का पालन करने से इनकार कर दिया और जबरन एरोब्रिज में घुस गए। CISF के जवान ने उन्हें रोककर वापस गेट पर लाया, जिससे उनकी नाराजगी और बढ़ गई।
स्टाफ पर हमला
एयरलाइन के अनुसार, गेट पर अधिकारी ने चार ग्राउंड स्टाफ पर हमला किया। इस हमले में एक कर्मचारी की रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर और जबड़े पर गंभीर चोटें आईं। घटना का वीडियो 3 अगस्त को वायरल हुआ, जिसमें अधिकारी को स्टाफ पर हमला करते हुए देखा गया। एयरलाइन ने इसे 'मर्डरस असॉल्ट' करार दिया और तुरंत शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद भारतीय न्याय संहिता की धारा 115 के तहत एफआईआर भी दर्ज की गई।
आंतरिक समिति की सिफारिश
नागरिक उड्डयन नियमों के तहत एयरलाइन ने इस मामले की जांच के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया, जिसमें दो रिटायर्ड जज और एक अन्य एयरलाइन का प्रतिनिधि शामिल था। समिति ने अधिकारी को पांच साल तक उड़ान से बैन करने की सिफारिश की। यह निर्णय अब तक का सबसे कठोर माना जा रहा है, क्योंकि आमतौर पर शारीरिक झगड़े की स्थिति में छह महीने से दो साल तक का बैन लगाया जाता है। हालांकि, आरोपी अधिकारी के पास 60 दिन का समय है, जिसमें वे अपील कर सकते हैं।
नो-फ्लाई लिस्ट में वृद्धि
राज्यसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में 379 यात्रियों को 'नो-फ्लाई लिस्ट' में डाला गया है। इस साल जुलाई तक 48 लोग इस लिस्ट में जोड़े गए हैं। 2020 में केवल 10 यात्रियों को प्रतिबंधित किया गया था, जबकि 2023 में यह संख्या 110 तक पहुंच गई, जो अब तक का सबसे अधिक है। 2024 में यह संख्या घटकर 82 हो गई है। इस मामले के बाद एयरलाइंस का स्पष्ट संदेश है कि सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने और हिंसक व्यवहार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।