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श्रीलंकाई नौसेना ने रामेश्वरम से आठ मछुआरों को किया गिरफ्तार

श्रीलंकाई नौसेना ने रामेश्वरम से आठ भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है, जिन पर अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पार करने का आरोप है। मछुआरे डेल्फ्ट द्वीप के पास मछली पकड़ने के दौरान पकड़े गए। तमिलनाडु सरकार ने इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है, जबकि मछुआरों की एसोसिएशन ने उनकी रिहाई की मांग की है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और सरकारी प्रतिक्रिया।
 

गिरफ्तारी की जानकारी

चेन्नई: श्रीलंकाई नौसेना ने रविवार तड़के तमिलनाडु के आठ मछुआरों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) को पार कर श्रीलंकाई जलक्षेत्र में प्रवेश किया।


मछुआरों की यात्रा

ये मछुआरे शनिवार रात को रामेश्वरम से अपनी यात्रा पर निकले थे। उन्हें उनकी नाव के साथ हिरासत में लिया गया है, और श्रीलंकाई अधिकारियों ने उनकी नाव भी जब्त कर ली है।


घटनास्थल और आरोप

मत्स्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मछुआरे डेल्फ्ट द्वीप के निकट मछली पकड़ने का कार्य कर रहे थे, तभी उन्हें श्रीलंकाई नौसेना के गश्ती दल ने रोका। श्रीलंकाई अधिकारियों ने उन पर अवैध रूप से मछली पकड़ने का आरोप लगाया है।


पार्श्वभूमि

हाल के वर्षों में, रामनाथपुरम और पुदुकोट्टई जैसे तटीय जिलों के कई मछुआरों को श्रीलंका में गिरफ्तार किया गया है, जिससे दोनों देशों के मछुआरों और अधिकारियों के बीच तनाव बढ़ गया है।


मछुआरों के आरोप

तमिलनाडु के मछुआरे लंबे समय से श्रीलंकाई नौसेना द्वारा उत्पीड़न का आरोप लगाते आ रहे हैं। उनका कहना है कि मछली के घटते स्टॉक और समुद्र के संकरे हिस्से के कारण उन्हें अक्सर सीमा पार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।


सरकारी प्रतिक्रिया

तमिलनाडु सरकार ने इस मुद्दे को बार-बार केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है, मछुआरों और उनकी नावों की रिहाई सुनिश्चित करने की मांग की है। भारतीय अधिकारियों ने इस मामले को श्रीलंकाई समकक्षों के साथ उठाया है।


मछुआरों की एसोसिएशन की अपील

रामेश्वरम में मछुआरों की एसोसिएशन ने गिरफ्तार मछुआरों और उनकी नाव की सुरक्षित रिहाई की मांग की है। उन्होंने भारत सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है और विरोध प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है।


आगे की प्रक्रिया

गिरफ्तार मछुआरों को श्रीलंका में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किए जाने की संभावना है, जिसके बाद उन्हें आगे की जांच तक न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकता है।