संघर्ष: जीवन के उतार-चढ़ाव का अनुभव
संघर्ष का महत्व
चंडीगढ़ समाचार: संघर्ष का अर्थ है आगे बढ़ना! एक महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आप अपनी मंजिल के आधे रास्ते पर पहुंच जाएं, तो पीछे मुड़कर न देखें। बल्कि, पूरे उत्साह और विश्वास के साथ बाकी की दूरी तय करें। बीच में लौटने का कोई लाभ नहीं है, क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी जितनी दूरी तय करने पर आप अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। आप सभी सोचते होंगे कि पढ़ाई और कहने में आसान है, लेकिन इसे करना बहुत कठिन है। यह सच है कि सरलता और सहजता से किसी को भी सफलता नहीं मिली है। इतिहास इस बात का गवाह है कि लोग आज भी महान सफलताओं को उनके संघर्ष के कारण याद करते हैं। संघर्ष जीवन में उतार-चढ़ाव का अनुभव कराता है, अच्छे और बुरे का ज्ञान देता है, सक्रिय रहना सिखाता है और समय की कीमत समझाता है। इससे प्रेरित होकर हम सशक्तिकरण के साथ अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होते हैं और जीवन जीना सीखते हैं। ये विचार मनीषी संत मुनि श्री विनय कुमार जी आलोक ने सेक्टर 24 सी अणुव्रत भवन में सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
मनीषी श्री संत ने आगे कहा कि अगर हम सरल शब्दों में संघर्ष को परिभाषित करें, तो हम सभी संघर्ष में हैं और जो सफलता या सीख मिलती है, वह संघर्ष की ही देन है। संघर्ष जीवन को निखारता, संवारता और तराशता है, जिससे हम एक ऐसा व्यक्तित्व बनाते हैं, जिसकी प्रशंसा कभी खत्म नहीं होती। संघर्ष हमें जीवन का अनुभव कराता है, सतत सक्रिय बनाता है और हमें जीना सिखाता है। संघर्ष का दामन थामकर हम न केवल आगे बढ़ते हैं, बल्कि जीवन जीने के सही तरीके का आनंद भी लेते हैं। हर व्यक्ति सफलता की चाह रखता है और इसके लिए निरंतर प्रयास करता है। कुछ लोग आसानी से सफलता प्राप्त कर लेते हैं, जबकि अन्य इसके पीछे भागते रहते हैं। जो लोग आसानी से सफल होते हैं, वे भी संघर्ष करते हैं, लेकिन उन्हें थोड़े प्रयास में ही सफलता मिल जाती है। दूसरी ओर, कुछ लोग ऐसे कठिन रास्ते पर निकल जाते हैं, जहां सफलता पाने के लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ता है। यदि वे हार मान लेते हैं, तो उनका संघर्ष व्यर्थ हो जाता है। लेकिन जो लोग सफलता तक पहुंचने तक हार नहीं मानते, वे जीवन का असली मूलमंत्र सीख जाते हैं। संघर्ष उन्हें ठोकर खाकर संभलना और गिरकर उठना सिखाता है। यही संघर्ष की सबसे बड़ी खासियत है, जो इंसान को जीवन जीने का तरीका सिखाती है!