संजय गायकवाड़ द्वारा कैंटीन कर्मचारी को थप्पड़ मारने पर सीएम फडणवीस का बयान
महाराष्ट्र में विवादास्पद घटना
महाराष्ट्र समाचार: मुंबई में एमएलए हॉस्टल की कैंटीन में मंगलवार को शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने एक कर्मचारी को थप्पड़ मारा। उनका आरोप था कि भोजन की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं थी। इस मामले पर गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा कि इस तरह का आचरण सही संदेश नहीं देता है। एक व्यक्ति की हरकत से सभी विधायकों की छवि पर असर पड़ता है, जिससे यह धारणा बनती है कि वे सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं।
घटना का विवरण
क्या हुआ था?
मंगलवार को विधायक गायकवाड़ एमएलए कैंटीन में भोजन करने पहुंचे थे। वहां उन्होंने एक कर्मचारी को पीट दिया, यह आरोप लगाते हुए कि भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब थी। दाल भी खराब थी, जिससे विधायक नाराज हो गए और उन्होंने कर्मचारी पर हाथ उठाया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। मामला तब और बढ़ गया जब गायकवाड़ ने बुधवार को कहा कि उन्हें अपने कार्य पर कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को लोकतांत्रिक भाषा समझ में नहीं आती, तो उसे इसी भाषा में जवाब दिया जाएगा।
सीएम का बयान
शिकायत का सही तरीका
फडणवीस ने सदन में कहा कि विधायक के व्यवहार का प्रभाव राज्य विधानमंडल और विधायकों की छवि पर पड़ता है। यदि किसी को भोजन से संबंधित कोई शिकायत है, तो उसे निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए शिकायत करनी चाहिए। इस तरह से ही उचित कार्रवाई की जा सकेगी।
कार्रवाई की मांग
सीएम ने की कार्रवाई की अपील
सदन में अपने बयान के दौरान फडणवीस ने कैंटीन में कर्मचारी को पीटने की घटना पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने शिंदे और विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि यह मामला गंभीर है और कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने विधायक आवास की समस्याओं का भी उल्लेख किया और समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने की निंदा
इस मामले पर सरकार के साथ-साथ विपक्ष के नेताओं ने भी निंदा की है। शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि गायकवाड़ जनप्रतिनिधि हैं और यदि उन्हें खाना पसंद नहीं आया, तो उन्हें उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था। कर्मचारी को पीटना बेहद शर्मनाक है। वहीं, कांग्रेस विधायक डॉ. ज्योति एकनाथ गायकवाड़ ने कहा कि अच्छा खाना हर नागरिक का अधिकार है और कैंटीन कर्मचारी की पिटाई नहीं होनी चाहिए थी। किसी को पीटना समाधान नहीं है।