संजय सिंह ने मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार विरोधी बिल को लेकर उठाए सवाल
भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं, विपक्ष को निशाना बनाने वाला बिल
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को हटाने के लिए लाए गए बिल पर मोदी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह कानून वास्तव में भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य विपक्षी नेताओं को झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजना और सरकारों को गिराना है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी और भ्रष्टाचारियों के बीच का संबंध पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। आम आदमी पार्टी इस बिल को लेकर बनाई जा रही संयुक्त संसदीय समिति में शामिल नहीं होगी।
लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश
संजय सिंह ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार एक गैर-संवैधानिक और गैर-लोकतांत्रिक विधेयक पेश कर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारों को गिराना, विपक्षी नेताओं को झूठे मामलों में फंसाना और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर करना है। उन्होंने कहा कि यह बिल लोकतंत्र को समाप्त करने की मंशा से लाया जा रहा है, इसलिए आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल ने इस जेपीसी में शामिल न होने का निर्णय लिया है।
भ्रष्टाचारियों का समर्थन
संजय सिंह ने चेतावनी दी कि यह बिल भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं है, क्योंकि भाजपा का भ्रष्टाचारियों के प्रति प्रेम स्पष्ट है। उन्होंने कई भ्रष्ट नेताओं का नाम लिया और सवाल किया कि वे सभी किस पार्टी में हैं।
भ्रष्टाचार विरोधी रवैया पर सवाल
संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने मित्र अडानी को देश की संपत्तियां सौंप रहे हैं, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ होने का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि यह बिल वास्तव में पार्टियों को खत्म करने और विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए लाया गया है।
जेपीसी में शामिल नहीं होने का निर्णय
संजय सिंह ने एक्स पर कहा कि भ्रष्टाचारियों के सरदार कैसे भ्रष्टाचार के खिलाफ बिल ला सकते हैं? उन्होंने कहा कि इस बिल का उद्देश्य नेताओं को फर्जी मामलों में फंसाना और सरकारों को गिराना है। इसलिए, अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने जेपीसी में शामिल न होने का निर्णय लिया है।