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संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा पर जताई चिंता, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर जोर

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा पर चिंता जताई है, विशेषकर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर। प्रवक्ता स्टेफन दुजारिक ने कहा कि सभी बांग्लादेशियों को सुरक्षित महसूस करना चाहिए। हाल की घटनाओं में हिंदुओं को निशाना बनाया गया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ी है। अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के सदस्यों ने भी इस हिंसा की निंदा की है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
 

बांग्लादेश में हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा के प्रति अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। उनके प्रवक्ता स्टेफन दुजारिक ने बताया कि बांग्लादेश में सभी नागरिकों, विशेषकर अल्पसंख्यकों को सुरक्षा का अनुभव होना चाहिए। प्रवक्ता ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और हाल ही में हिंदुओं की लिंचिंग के संदर्भ में कहा, “हर बांग्लादेशी को सुरक्षित महसूस करने की आवश्यकता है। हम वहां हो रही हिंसा को लेकर बेहद चिंतित हैं।”


उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश या किसी अन्य देश में, जो लोग बहुसंख्यक समाज का हिस्सा नहीं हैं, उन्हें भी सुरक्षा मिलनी चाहिए। गुटेरेस ने मोहम्मद यूनुस की सरकार पर भरोसा जताते हुए कहा कि सरकार हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है। हाल ही में इंकलाब मंच से जुड़े युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि हुई है। उनकी मौत एक हमले के बाद हुई थी, जो इस महीने की शुरुआत में हुआ था।


पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं, जो हाल के दो हफ्तों में और गंभीर हो गई हैं। हाल के दिनों में कई हिंदुओं को भीड़ ने निशाना बनाया, जिनका राजनीति से कोई संबंध नहीं था, केवल उनके धर्म के कारण।


हिंसा की नई घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। पिछले हफ्ते, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने शांति बनाए रखने और हिंसा को रोकने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि प्रतिशोध और बदला समाज में और गहरी दरारें पैदा करेगा और सभी के अधिकारों को नुकसान पहुंचाएगा। फरवरी में होने वाले चुनावों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि ऐसा माहौल होना चाहिए जिसमें हर व्यक्ति बिना डर के और शांति से सार्वजनिक जीवन में भाग ले सके।


इस बीच, अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के दो सदस्यों ने हिंदुओं और मीडिया के खिलाफ हो रही हिंसा की कड़ी निंदा की। राजा कृष्णमूर्ति ने बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे अस्थिरता और अशांति का संकेत बताया। वहीं, सुहास सुब्रमण्यम ने भी इस घटना पर चिंता जताई और कहा कि हालिया सरकारी बदलाव के बाद हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं, जिनमें घरों और मंदिरों को निशाना बनाना भी शामिल है।