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संसद में वंदे मातरम पर चर्चा: गौरव गोगोई ने मोदी और भाजपा पर उठाए सवाल

संसद में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ 'वंदे मातरम' के नारे की ऐतिहासिकता को उजागर करते हुए भाजपा के पूर्वजों की भूमिका पर सवाल खड़े किए। गोगोई ने कहा कि वर्तमान सरकार नागरिकों के अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही है। जानें इस महत्वपूर्ण चर्चा के बारे में और क्या कहा गया।
 

वंदे मातरम के 150 वर्ष: गौरव गोगोई का तीखा हमला

नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर संसद में एक विशेष चर्चा आयोजित की गई। इस मौके पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि 'वंदे मातरम्' का नारा ब्रिटिश शासन के खिलाफ उठाया जाता था। यह नारा अंग्रेजों के दिल में डर पैदा करने के लिए था। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा और आरएसएस के राजनीतिक पूर्वजों ने कब इस नारे की भावना को समझा और ब्रिटिश शासन का विरोध किया?

गोगोई ने आगे कहा कि 'भारत छोड़ो आंदोलन' के समय भाजपा के पूर्वज कहां थे? इतिहास बताता है कि उन्होंने इस आंदोलन में भाग लेने से मना किया था। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने कभी राष्ट्र की गहराई से समझने की कोशिश नहीं की, क्योंकि हमारे देश की विविधता में ही हमारी ताकत है। हमारे पास अनेक भाषाएं और प्रांत हैं, लेकिन एक ही ग्रंथ है - संविधान, जिसकी रक्षा हम आज भी कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान मोदी सरकार नागरिकों के अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही है, जैसे कि वोट देने का अधिकार, स्वतंत्र विचार रखने का अधिकार, प्रेम करने का अधिकार, सरकार की आलोचना करने का अधिकार, और सवाल पूछने का अधिकार। यदि यह सरकार हमारे विचारों को छीनने का प्रयास करती है, तो यह बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के सपनों के खिलाफ है। आज भले ही ब्रिटिश शासन नहीं है, लेकिन 'फूट डालो और राज करो' की नीति का पालन करने वाली राजनीतिक शक्तियां अभी भी मौजूद हैं।