×

साइबर ठगी से बचने के लिए जानें एसएमएस पहचानने के तरीके

साइबर अपराधियों के बढ़ते खतरे के बीच, यह जानना जरूरी है कि कैसे स्पैम संदेशों से बचा जाए। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि कैसे आप एसएमएस के अंत में लिखे अक्षरों से पहचान सकते हैं कि संदेश असली है या धोखाधड़ी। भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार, यह तरीका न केवल सरल है, बल्कि इससे ठगी का खतरा भी कम हो सकता है। जानें कि कैसे आप सुरक्षित रह सकते हैं और साइबर ठगी से बच सकते हैं।
 

स्पैम संदेशों का बढ़ता खतरा

साइबर अपराधियों का नेटवर्क लगातार बढ़ता जा रहा है। ये अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को धोखा देने में लगे हैं। आजकल डिजिटल गिरफ्तारी से लेकर स्पैम संदेशों का आना आम हो गया है, जिससे लोगों के बैंक खाते तेजी से खाली हो रहे हैं। कई बार अपराधी पकड़े जाते हैं, लेकिन कई बार वे कानून से बचकर निकल जाते हैं। इस स्थिति को देखते हुए लोगों में चिंता का माहौल है, लेकिन अब आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है।


साइबर फ्रॉड की चुनौतियाँ

डिजिटल युग में साइबर फ्रॉड और स्पैम संदेश सबसे बड़ी समस्याओं में से एक बन गए हैं। रोजाना लोग किसी न किसी ठगी का शिकार हो रहे हैं। कभी डिजिटल गिरफ्तारी का झांसा तो कभी बैंक या पुरस्कार का लालच देकर लोगों के खाते खाली कर दिए जाते हैं। लेकिन अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि एसएमएस में एक ऐसा सरल तरीका है, जिससे आप तुरंत पहचान सकते हैं कि संदेश असली है या धोखाधड़ी।


सरकार की गाइडलाइन

भारत सरकार ने साइबर अपराध से निपटने के लिए विशेष गाइडलाइन जारी की है। अब हर एसएमएस अपने अंतिम अक्षर से यह बताता है कि वह किस श्रेणी का है। यह तरीका न केवल सरल है, बल्कि इससे धोखाधड़ी का खतरा भी काफी कम हो सकता है। आइए जानते हैं एसएमएस की पहचान का यह आसान तरीका।


एसएमएस की पहचान कैसे करें?

यदि किसी संदेश के अंत में G लिखा है, तो यह सरकारी संदेश है।


यदि P लिखा है, तो यह प्रमोशनल या विज्ञापन से संबंधित है।


यदि T लिखा है, तो यह बैंक ट्रांजेक्शन से जुड़ा है।


यदि S लिखा है, तो यह किसी सेवा का संदेश है।


यदि किसी संदेश के अंत में कुछ भी नहीं लिखा है, तो यह स्कैम हो सकता है। ऐसे में आपको तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए।


स्कैमर्स क्यों नहीं कर सकते ऐसा?

कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या ठग भी ऐसे संदेश भेज सकते हैं? इसका उत्तर है—नहीं। क्योंकि ये विशेष अक्षर केवल उन्हीं संदेशों में होते हैं जो Telecom Regulatory Authority of India (TRAI) में रजिस्टर्ड होते हैं। स्कैमर्स के लिए ऐसा करना संभव नहीं है।


मैसेज फ्रॉड के बढ़ते मामले

एक सर्वे के अनुसार, 42% भारतीयों को फर्जी वर्क फ्रॉम होम ऑफर मिले हैं, जिसके लिए पहले एडवांस पेमेंट मांगा गया। वहीं, 35% लोगों से रिश्तेदारों या दोस्तों के नाम पर ठगी की कोशिश की गई, जिसमें पैसे, गिफ्ट कार्ड या मोबाइल रिचार्ज की मांग की गई। यह सर्वे 312 जिलों में किया गया और 22,000 लोगों ने इसमें भाग लिया।