साउथ-वेस्ट दिल्ली में साइबर ठगी का बढ़ता खतरा: 30 करोड़ रुपये की हानि
साइबर ठगों का नया शिकार
दिल्ली के साउथ-वेस्ट क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए एक चिंताजनक खबर सामने आई है। पिछले ढाई वर्षों में, साइबर ठगों ने यहां के निवासियों से लगभग 30 करोड़ रुपये की ठगी की है। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, ऑनलाइन ट्रेडिंग में अधिक मुनाफे के लालच और फर्जी नौकरी के प्रस्तावों के कारण लोग ठगी का शिकार बन रहे हैं।ठगों के शिकार बनने वाले लोग कौन हैं? पुलिस के अनुसार, 18 से 44 वर्ष की आयु के लोग इन ठगों के लिए सबसे आसान लक्ष्य बनते हैं। युवा वर्ग को निवेश में पैसे दोगुना करने, ऑनलाइन नौकरी के प्रस्ताव और फिशिंग लिंक के माध्यम से फंसाया जाता है।
किशोरों (12-17 वर्ष) को साइबरबुलिंग और सेक्स्टॉर्शन का शिकार बनाया जा रहा है, जबकि महिलाएं सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल के जरिए परेशान की जा रही हैं। बुजुर्गों को 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर डराया जाता है और उनसे पैसे वसूले जाते हैं।
इन ठगों का नेटवर्क देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़ा हुआ है। मेवात क्षेत्र में सेक्स्टॉर्शन और होटल बुकिंग फ्रॉड की घटनाएं बढ़ रही हैं। जामताड़ा और देवघर से KYC अपडेट और क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड पॉइंट के नाम पर ठगी की जा रही है।
पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 4 सितंबर तक साइबर पुलिस ने 90 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें लोगों ने 5 करोड़ रुपये से अधिक की हानि उठाई है। हालांकि, पुलिस ने 147 आरोपियों को गिरफ्तार कर 2.27 करोड़ रुपये भी रिकवर किए हैं।
पुलिस का कहना है कि ऑनलाइन आकर्षक ऑफर्स पर भरोसा करने से पहले सावधानी बरतना और जागरूक रहना ही ठगी से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।