साध्वी प्रज्ञा का एटीएस पर गंभीर आरोप: मोदी और भागवत का नाम लेने का दबाव
साध्वी प्रज्ञा का खुलासा
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का एटीएस पर आरोप: मालेगांव बम विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सहित सात लोगों को बरी कर दिया है। इस संदर्भ में पूर्व बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। शनिवार को भोपाल कोर्ट में दस्तावेज पेश करते हुए प्रज्ञा ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत के नाम लेने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद उन्हें और अधिक प्रताड़ित किया गया।
साध्वी ने आगे कहा कि उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लेकर टॉर्चर किया गया। पूछताछ के दौरान एटीएस के अधिकारियों ने उनसे कहा कि मोदी जी, भागवत जी, योगी जी, इंद्रेश जी आदि का नाम लो। लेकिन मैंने झूठ बोलने से इनकार कर दिया। प्रज्ञा ठाकुर ने बताया कि उस समय वह गुजरात के सूरत में रह रही थीं।
सनातन की जीत का दावा
बीजेपी की पूर्व सांसद ने कहा कि उन्होंने सभी जानकारी लिखित में दे दी है। इसके साथ ही उन्होंने उन सभी नेताओं के नाम बताए हैं जिनका नाम लेने के लिए उन पर दबाव डाला गया। अधिकारियों ने कहा कि यदि वह इन नामों का उल्लेख करेंगी तो उन्हें कुछ नहीं होगा, लेकिन प्रज्ञा ने उनकी बात नहीं मानी। उन्होंने कहा कि यह सनातन धर्म की जीत है। यह केवल मेरी नहीं, बल्कि सभी की विजय है। विधर्मियों का नाश हुआ है और आगे भी होता रहेगा।
कांग्रेस पर साध्वी का हमला
कांग्रेस पर साध्वी प्रज्ञा का आरोप: साध्वी ने इस दौरान कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये सभी आरोप कांग्रेस ने साजिश के तहत लगाए थे। कांग्रेस धर्म विरोधी और आतंकियों को संरक्षण देने वाली पार्टी है। साध्वी ने यह भी कहा कि कांग्रेस कभी भी राष्ट्रवादी पार्टी नहीं बन सकती। उन्होंने तत्कालीन एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे, एसीपी परमबीर सिंह और सुखविंदर सिंह पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया। प्रज्ञा ने कहा कि करकरे और परमबीर सिंह ने उनसे झूठा बयान देने के लिए कहा था।