साध्वी प्रज्ञा ने मालेगांव ब्लास्ट केस में लगाए गंभीर आरोप
साध्वी प्रज्ञा का बयान
साध्वी प्रज्ञा का आरोप: मालेगांव ब्लास्ट मामले में बरी होने के बाद भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने जांच एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शनिवार को मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और भाजपा नेता राम माधव का नाम लेने का दबाव डाला गया था। उनका दावा है कि उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, लेकिन उन्होंने सत्य का मार्ग नहीं छोड़ा।
साध्वी प्रज्ञा ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि जांच अधिकारी मुझ पर दबाव डालते रहे कि मैं इन नेताओं का नाम लूं, ताकि उन्हें मालेगांव विस्फोट से जोड़ा जा सके। मुझे इतनी यातना दी गई कि मेरे फेफड़े खराब हो गए। अस्पताल में भी मुझे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया।
राजनीतिक साजिश का आरोप
उन्होंने आगे कहा कि अगर मैं कुछ नाम ले लूं, तो टॉर्चर बंद कर देंगे लेकिन मैंने झूठ बोलने से इनकार कर दिया। सत्य बोलना मेरा धर्म है। सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि इसे कांग्रेस सरकार के इशारे पर तैयार किया गया था। उन्होंने ये भी कहा कि देश हमेशा से धर्म और सत्य के साथ खड़ा रहा है और हमेशा रहेगा। हमारी विजय निश्चित थी। विधर्मियों और देशद्रोहियों के मुंह काले हुए हैं।
एनआईए कोर्ट का निर्णय
एनआईए की विशेष अदालत ने हाल ही में मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और अन्य पांच आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सका। प्रारंभिक जांच में कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 7 पर आरोप तय हुए थे।
राजनीतिक बयानबाजी में वृद्धि
साध्वी प्रज्ञा का यह बयान ऐसे समय आया है जब न्यायालय द्वारा आरोपमुक्ति के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। यह मामला एक दशक से अधिक समय तक कानूनी और राजनीतिक बहस का केंद्र बना रहा।