सावन में मेहंदी का महत्व: हरियाली तीज और शिव-पार्वती का संबंध
सावन का आगमन और त्यौहारों की धूम
सावन का महीना नजदीक है, और चारों ओर हरियाली छा गई है। यह महीना कई त्यौहारों का आगमन लेकर आता है, और खासकर महिलाओं के लिए यह समय बेहद प्रिय होता है। हरियाली तीज, जो सावन में मनाई जाती है, में महिलाएं हरे रंग के परिधान पहनती हैं, चाहे वह साड़ी हो, लहंगा हो या चूड़ियाँ। इस अवसर पर मेहंदी का विशेष महत्व होता है। मेहंदी के बिना हरियाली तीज अधूरी मानी जाती है। आइए जानते हैं कि कैसे हरियाली तीज पर मेहंदी और हरे रंग का संबंध भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा है।
सावन का महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है। कहा जाता है कि इसी महीने में भगवान शिव और माता पार्वती का प्रेम मिलन हुआ था। इस समय चारों ओर हरियाली होती है। हरियाली तीज का व्रत इस माह में मनाया जाता है, जिसमें हाथों पर मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए अपने हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाई थी। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए महिलाएं भी अपने पति के प्यार को पाने के लिए मेहंदी लगाती हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से, मेहंदी का संबंध शुक्र ग्रह से भी है, जो सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है। समाज में यह मान्यता है कि मेहंदी लगाने से महिलाओं की सुंदरता बढ़ती है, जिससे उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।