सिक्किम में प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन का भव्य उत्सव
प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन का समारोह
मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामंग (गोले) और राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर की उपस्थिति में मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत 75 घी के दीयों को जलाकर की गई। हजारों लोगों की भीड़ में सिक्किम की समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन किया गया और ‘स्वच्छता ही सेवा 2025’ का उद्घाटन हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर देशभर में सेवा और संकल्प कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। विभिन्न राज्यों में इस अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। विपक्षी दलों के शासित क्षेत्रों में भी नए कार्यक्रमों की शुरुआत हुई है। 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले सेवा पखवाड़े के तहत सभी राज्य अपने-अपने तरीके से आयोजन कर रहे हैं। हालांकि, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी दल सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा की सरकार ने इस उत्सव को एक नई ऊंचाई दी है।
मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामंग ने इस कार्यक्रम को जन कल्याण के उत्सव में बदल दिया। उन्होंने कार्यक्रम की तैयारी और देखरेख का कार्य स्वयं किया।
स्वच्छता की शपथ और सम्मान समारोह
मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत स्वच्छता की शपथ दिलाने से हुई। सिक्किम ने सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता को एक जीवन मूल्य बना लिया है। सभी उपस्थित लोगों को स्वच्छता के महत्व का एहसास है, जिससे वे प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान से जुड़ाव महसूस करते हैं।
स्वच्छता की शपथ के बाद, विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर जन कल्याण की कई योजनाओं की शुरुआत की गई और लोगों को विभिन्न लाभ प्रदान किए गए।
महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य सेवाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया है। सिक्किम के मुख्यमंत्री ने अम्मा सशक्तिकरण योजना की शुरुआत की, जिसके तहत लाभार्थियों को चेक वितरित किए गए।
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई पहल की गईं। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अनुदान का वितरण किया गया और पोषण से जुड़े खाद्य पदार्थों का वितरण भी किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और समापन
इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन भी किया गया, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम के समापन पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने संबोधन दिया। प्रधानमंत्री के 75वें जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए सिक्किम सरकार ने इसे उत्सव और जन कल्याण का समावेश किया।