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सिक्किम में भूस्खलन: भारतीय सेना का साहसिक बचाव अभियान

सिक्किम में हाल ही में भारी बारिश के कारण भूस्खलन ने तबाही मचाई, जिसमें भारतीय सेना ने साहसिक बचाव कार्य किया। इस घटना में कई जवानों की जान गई, जबकि कुछ को सुरक्षित निकाला गया। भारतीय सेना ने प्रभावित परिवारों को सहायता देने का वादा किया है। जानें इस दुखद घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

सिक्किम में भूस्खलन से उत्पन्न संकट

सिक्किम में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण भूस्खलन ने तबाही मचाई है। 1 जून 2025 की शाम लगभग 7:00 बजे, लाचेन जिले के चटेन में भारतीय सेना के एक शिविर पर यह विनाशकारी घटना हुई। इसके तुरंत बाद, भारतीय सेना ने बचाव कार्य शुरू किया, जिसमें अद्वितीय साहस और समर्पण का प्रदर्शन किया गया। इस आपदा ने आसपास के निवासियों को भी प्रभावित किया, और तीन शवों की बरामदगी हुई, जिनमें सेना के जवान शामिल हैं।


बचाव कार्य और शहीद जवानों की याद

भारतीय सेना ने अब तक चार लोगों को मामूली चोटों के साथ सुरक्षित निकाला है। हालांकि, दुख की बात है कि हवलदार लखविंदर सिंह, लांस नायक मुनिश ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखदा के शव बरामद किए गए हैं। सेना ने इन वीरों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है और उन्हें हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।


चुनौतियों का सामना करते हुए निरंतर प्रयास

बचाव दल कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम में लगातार काम कर रहा है, ताकि लापता छह कर्मियों को खोजा जा सके और उन्हें सुरक्षित निकाला जा सके।


सेना की अडिग प्रतिबद्धता

भारतीय सेना ने अपने सभी जवानों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद, सेना का साहस और कर्तव्यनिष्ठा प्रेरणादायक है। इस कठिन समय में, सेना न केवल बचाव कार्यों में लगी हुई है, बल्कि प्रभावित परिवारों को भावनात्मक और व्यावहारिक सहायता भी प्रदान कर रही है।


साहस और बलिदान की मिसाल

यह घटना भारतीय सेना के साहस और बलिदान की भावना को दर्शाती है, जो हर परिस्थिति में देश की सेवा के लिए तत्पर रहती है।