सिडनी के बोंडी बीच पर आतंकवादी हमला: साजिद अकरम और नवीद की कहानी
आतंकवादी हमले की जांच में नए खुलासे
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बोंडी बीच पर हुए भयानक आतंकवादी हमले की जांच में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ रहे हैं। जांच एजेंसियां हमलावर साजिद अकरम और उसके बेटे नवीद अकरम की व्यक्तिगत और पारिवारिक पृष्ठभूमि की गहराई से जांच कर रही हैं।
साजिद का हैदराबाद से संबंध
जांच में यह पता चला है कि साजिद अकरम ने आखिरी बार 2022 में हैदराबाद का दौरा किया था। उसके पास भारतीय पासपोर्ट था, जबकि उसके बच्चे, एक बेटा और एक बेटी, ऑस्ट्रेलिया में जन्मे और वहां के नागरिक हैं। पुलिस के अनुसार, साजिद के अपने परिवार से संबंध कई साल पहले टूट चुके थे, और पारिवारिक विवादों के कारण रिश्तेदारों ने उससे दूरी बना ली थी। यहां तक कि 2017 में उसके पिता की मृत्यु के समय भी वह अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ था, जो रिश्तों में आई दरार को दर्शाता है।
ऑस्ट्रेलिया में साजिद का नया जीवन
भारत छोड़ने के बाद, साजिद अकरम ऑस्ट्रेलिया में बस गया और वहां उसने एक यूरोपीय महिला, वेनेरा ग्रॉसो से विवाह किया। उनके दो बच्चे हैं, जिनमें नवीद अकरम और एक बेटी शामिल हैं। यह परिवार ऑस्ट्रेलिया में सामान्य जीवन जी रहा था, लेकिन जांच एजेंसियों का मानना है कि साजिद के अंदर कट्टरपंथी विचारधारा विकसित हो रही थी।
बोंडी बीच पर हुआ खौफनाक हमला
रविवार को, सिडनी के बोंडी बीच पर यहूदी समुदाय द्वारा हनुक्का उत्सव मनाया जा रहा था, तभी अचानक गोलीबारी हुई, जिससे जश्न मातम में बदल गया। इस हमले में 15 लोगों की जान गई। ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस आयुक्त क्रिसी बैरेट ने इसे इस्लामिक स्टेट से प्रेरित आतंकवादी हमला बताया। उनके अनुसार, हमलावरों ने निर्दयता से हमला किया और उन्हें पीड़ितों की उम्र या स्थिति से कोई फर्क नहीं पड़ा।
पिता की मौत और बेटे की चोट
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी पिता-पुत्र थे, जिनकी उम्र क्रमशः 50 और 24 वर्ष थी। मुठभेड़ में साजिद अकरम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि नवीद अकरम गंभीर रूप से घायल हुआ और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। हमले में इस्तेमाल किया गया वाहन नवीद के नाम पर पंजीकृत था, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। इस वाहन से देसी बम और कथित इस्लामिक स्टेट से जुड़े झंडे भी बरामद किए गए।
फिलीपींस यात्रा की जांच
जांच एजेंसियों का ध्यान हमले से एक महीने पहले की गई फिलीपींस यात्रा पर केंद्रित है। फिलीपींस के आव्रजन ब्यूरो ने पुष्टि की है कि साजिद और नवीद 1 नवंबर को देश में दाखिल हुए और 28 नवंबर को वापस लौटे। साजिद ने भारतीय पासपोर्ट का उपयोग किया, जबकि नवीद ने ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट का। दोनों ने दावाओ शहर को अपना अंतिम गंतव्य बताया, जो मिंडानाओ क्षेत्र में स्थित है, जहां अतीत में उग्रवादी संगठन सक्रिय रहे हैं।
जांच अभी भी जारी है
हालांकि फिलीपीन सेना ने किसी भी सैन्य प्रशिक्षण की पुष्टि नहीं की है, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी अब भी यात्रा के उद्देश्य और संपर्कों की जांच कर रहे हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि इस हमले की जड़ें अंतरराष्ट्रीय कट्टरपंथी नेटवर्क से जुड़ी हो सकती हैं। फिलीपीन सेना ने कहा कि वे इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि दोनों व्यक्तियों को उनके प्रवास के दौरान सैन्य प्रशिक्षण मिला था।