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सिडनी में हनुक्का त्योहार पर हमले का आरोपी भारतीय मूल का, परिवार से संबंध कमजोर

सिडनी में हनुक्का त्योहार के दौरान हुए हमले के आरोपी साजिद अकरम का संबंध भारत से है। तेलंगाना के हैदराबाद का निवासी, साजिद ने 1998 में ऑस्ट्रेलिया में बसने के बाद अपने परिवार से संपर्क सीमित कर लिया। उसके कट्टरपंथी बनने की जानकारी और हमले के परिणामों पर चर्चा की गई है। जानें इस मामले में और क्या जानकारी सामने आई है।
 

साजिद अकरम का परिचय

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हनुक्का त्योहार के दौरान हमला करने वाले आरोपी साजिद अकरम का संबंध भारत से है। वह तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद का निवासी है और 1998 में ऑस्ट्रेलिया चला गया। वहां जाने के बाद से उसका अपने परिवार से संपर्क बहुत सीमित रहा, और वह अपने पिता के निधन के समय भी भारत नहीं आया।


परिवार की जानकारी

तेलंगाना पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने साजिद के परिवार का पता हैदराबाद के टोली चौकी स्थित अल हसनथ कॉलोनी में लगाया है। उसके पिता एक सेवानिवृत्त सशस्त्र बल अधिकारी थे, जबकि उसका बड़ा भाई डॉक्टर है। डीजीपी शिवधर रेड्डी ने बताया कि साजिद भारत छोड़ने के बाद केवल छह बार संपत्ति से जुड़े मामलों के लिए भारत आया। पिता की मृत्यु के बावजूद उसका भारत न आना परिवार के साथ उसके कमजोर संबंधों को दर्शाता है।


कट्टरपंथी बनने की जानकारी

रिपोर्टों के अनुसार, साजिद के परिवार ने पुलिस को बताया कि उन्हें यह नहीं पता कि साजिद और उसके 24 वर्षीय बेटे नवीद को कब और कैसे कट्टरपंथी बनाया गया। डीजीपी ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि साजिद आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित था, लेकिन उसके कट्टरपंथी बनने के पीछे भारत से जुड़ा कोई कारण नहीं मिला। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले साजिद का भारत में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।


हमले के परिणाम

ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों को संदेह है कि साजिद और नवीद सिडनी में ही कट्टरपंथी बने। नवीद ने 2019 से 2022 के बीच सिडनी में अरबी भाषा और धार्मिक पाठ्यक्रमों में भाग लिया। न्यू साउथ वेल्स के पुलिस आयुक्त माल लैन्योन के अनुसार, नवीद के वाहन से देसी बम और आईएसआईएस के दो झंडे बरामद किए गए हैं। इस हमले में कुल 40 लोग घायल हुए, जिनमें तीन भारतीय छात्र भी शामिल हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर है और वे अस्पताल में भर्ती हैं।