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सिरसा में महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया

हरियाणा के सिरसा में एक महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया है, जिसमें दो लड़कियां और दो लड़के शामिल हैं। इस अद्वितीय घटना ने परिवार में खुशी का माहौल बना दिया है। बच्चे और मां दोनों स्वस्थ हैं। जानें इस चमत्कारिक घटना के बारे में और कैसे परिवार ने इस चुनौती का सामना किया।
 

सभी बच्चे और मां स्वस्थ

सिरसा: हरियाणा के सिरसा जिले में एक महिला ने चार बच्चों को एक साथ जन्म दिया है। सभी बच्चे और उनकी मां पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इनमें दो लड़कियां और दो लड़के शामिल हैं। चार बच्चों के जन्म से परिवार में खुशी का माहौल है। परिवार के सदस्य दिनभर बच्चों की देखभाल में व्यस्त रहते हैं। बच्चों के पिता ने इसे एक चमत्कार बताया है। जानकारी के अनुसार, 2024 में सिरसा के टीटू खेड़ा गांव के सोनू की शादी ऐलनाबाद के केशुपुरा गांव की रज्जो से हुई थी। सोनू खेती और मजदूरी का काम करते हैं।


तीसरे महीने में पता चला 4 बच्चों का

सोनू के परिवार में उनकी पत्नी, मां राज रानी, भाई कर्ण, बहन सुनीता और दादी गुड्डी देवी शामिल हैं। उनके पिता का कुछ साल पहले निधन हो चुका है। सोनू ने बताया कि प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में उन्होंने रज्जो को सिरसा के सरकारी अस्पताल में ले जाकर अल्ट्रासाउंड कराया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि तीन बच्चे हैं। सोनू ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हुआ, इसलिए उन्होंने फिर से 2-3 बार प्राइवेट अस्पताल में जांच कराई, जहां डॉक्टरों ने कहा कि वास्तव में चार बच्चे हैं। मां को विशेष देखभाल और परहेज की आवश्यकता है।


परिवार ने दिया पूरा साथ

रज्जो ने बताया कि जब चार बच्चों का पता चला, तो पूरा परिवार उनकी देखभाल में जुट गया। सास ने स्पष्ट रूप से कहा कि बेटा, तुम अपनी सेहत का ध्यान रखो, बच्चों की चिंता मत करो, उन्हें हम संभाल लेंगे। सोनू ने रज्जो का हर समय ख्याल रखा और उन्हें हिम्मत दी। परिवार ने इस दौरान उनका पूरा सहयोग किया।


सिजेरियन डिलीवरी हुई

सोनू और उनका परिवार 14 मई को रज्जो को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डिलीवरी होनी थी। परिवार ने दुआ की कि सब कुछ सामान्य हो जाए। सिविल अस्पताल सिरसा के गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. राहुल गर्ग ने बताया कि रज्जो के अस्पताल पहुंचने पर पूरा स्टाफ उत्साहित था क्योंकि यह एक अनोखा मामला था। 14 मई को सिजेरियन डिलीवरी सफलतापूर्वक हुई।


डिलीवरी के 20 दिन बाद अस्पताल से मिली छुट्टी

जैसे ही परिवार को ओटी से बाहर आकर बताया गया कि सब कुछ ठीक है और मां और बच्चे स्वस्थ हैं, तो सभी की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। रज्जो को तीन दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन बच्चों को अस्पताल की नर्सरी में रखा गया। परिवार के आधे सदस्य रज्जो की देखभाल कर रहे थे, जबकि बाकी अस्पताल में रात बिताते थे। कुछ दिनों बाद रज्जो को फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। 4 जून को बच्चों के साथ रज्जो को भी डिस्चार्ज किया गया।


चारों बच्चों की अलग-अलग आदतें

सोनू ने बताया कि चारों बच्चे अपनी-अपनी गतिविधियों और भूख के समय में अलग हैं। कभी कोई बच्चा भूख के लिए रोने लगता है। गर्मी के मौसम में परिवार के सभी सदस्य बच्चों को खिलाने में व्यस्त रहते हैं।