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सीतापुर में बंदरों के आतंक से मासूम की मौत, परिवार में शोक का माहौल

सीतापुर के सूरजपुर गांव में एक दो महीने के बच्चे की मौत ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। बच्चे को उसकी मां ने चारपाई पर सुलाया था, लेकिन बंदरों के एक समूह ने उसे उठाकर पानी के ड्रम में डाल दिया। परिवार ने बिना पुलिस को सूचित किए शव को दफन कर दिया। इस घटना ने गांव में सुरक्षा की मांग को और बढ़ा दिया है। लोग प्रशासन से बंदरों को हटाने की अपील कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
 

सीतापुर में बंदरों का आतंक


सीतापुर के सूरजपुर गांव में एक दो महीने के बच्चे की मौत ने पूरे क्षेत्र में शोक और हड़कंप मचा दिया। परिजनों के अनुसार, बच्चे को उसकी मां ने चारपाई पर सुलाया था और नहाने चली गई थी। इसी दौरान, बंदरों के एक समूह ने बच्चे को उठाकर छत पर रखे पानी के ड्रम में डालकर उसकी जान ले ली।


परिवार ने बिना पुलिस को सूचित किए किया दफन

बच्चे के पिता अनुज कुमार ने बताया कि जब उनकी पत्नी नहा कर लौटी, तो बच्चे को चारपाई पर नहीं पाया। दोनों ने घर में बच्चे की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला। जब वे छत पर पहुंचे, तो ड्रम में उनका बेटा मृत पाया गया। इसके बाद परिवार ने पुलिस को सूचित किए बिना ही शव को दफन कर दिया।


बच्चे की बीमारी और बंदरों का आतंक

अनुज कुमार ने बताया कि उनका बच्चा जन्म से ही 'इनकंपलीट स्किन लॉस' नामक बीमारी से ग्रस्त था और उसका इलाज लखनऊ ट्रामा सेंटर में चल रहा था। बच्चे के दादा रामदेव यादव ने कहा कि इलाके में बंदरों का आतंक बढ़ गया है। उनका कहना है कि बंदरों ने मासूम को उठाकर पानी में डाल दिया और डूबने से उसकी मौत हुई।


परिवार की शिकायत और प्रशासन से मांग

बच्चे के चाचा दुर्गेश यादव ने बताया कि बंदरों का आतंक उनके क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है। बंदर दुकानों की सब्जी चुराते हैं, लोगों पर हमला करते हैं और बच्चों को उठाकर ले जाते हैं। उन्होंने प्रशासन से बंदरों को हटाने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।


पुलिस की जांच और गांव में सुरक्षा की मांग

मछरेहटा थाने के प्रभारी निरीक्षक प्रभात कुमार ने कहा कि मृतक के पिता एक इलेक्ट्रिक दुकान चलाते हैं। उन्होंने बताया कि परिजनों की तरफ से अभी तक कोई तहरीर नहीं मिली है। पुलिस ने मौके पर जाकर जांच शुरू कर दी है। गांववासियों में मासूम की मौत को लेकर भारी आक्रोश है। लोग प्रशासन से सुरक्षा उपायों और बंदरों को हटाने की मांग कर रहे हैं।