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सीरिया के HTS समूह को आतंकवादी संगठन का दर्जा हटाया गया

ट्रंप प्रशासन ने सीरिया के हयात तहरीर अल-शाम (HTS) समूह से आतंकवादी संगठन का दर्जा हटा दिया है। यह निर्णय सीरिया की नई सरकार द्वारा उठाए गए सकारात्मक कदमों को मान्यता देता है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस बदलाव की पुष्टि की है, जो मंगलवार से प्रभावी होगा। HTS पहले अल-कायदा से जुड़ा था और अब इसे आतंकवाद से मुक्त किया गया है। जानें इस समूह के बारे में और अहमद अल शरा का असली नाम क्या है।
 

HTS अब आतंकवादी संगठन नहीं

HTS अब आतंकवादी संगठन नहीं: ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को सीरिया के नए राष्ट्रपति अहमद अल शरा के नेतृत्व वाले समूह से आतंकवादी संगठन का दर्जा हटा लिया। यह निर्णय सुनकर आप चौंक सकते हैं, लेकिन ट्रंप ने कुछ महीने पहले खाड़ी देशों की यात्रा के दौरान इसके संकेत दिए थे। उस समय सऊदी अरब में उन्होंने अहमद अल शरा से हाथ मिलाकर न केवल लोगों को चौंकाया, बल्कि सीरिया से सभी प्रतिबंध तुरंत हटाने का वादा भी किया था। अब एचटीएस को आतंकवादी संगठन नहीं माना जाएगा।


विदेश मंत्री मार्को रुबियो का बयान

विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने क्या कहा?

सोमवार को जारी एक बयान में विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यह परिवर्तन मंगलवार से प्रभावी होगा और यह सीरिया की नई सरकार द्वारा उठाए गए सकारात्मक कदमों को मान्यता देता है। फेडरल रजिस्टर ने सोमवार को एक औपचारिक नोटिस प्रकाशित किया, जिसमें बताया गया कि रुबियो ने अटॉर्नी जनरल और वित्त विभाग से परामर्श के बाद 23 जून को यह निर्णय लिया। यह कदम सीरिया की नई अंतरिम सरकार के साथ अमेरिका के संबंधों को सुधारने के प्रयास का हिस्सा है।


HTS का परिचय

क्या है HTS?

आपको जानकारी के लिए बता दें कि, यह वही समूह है, जिसे अब हयात तहरीर अल-शाम के नाम से जाना जाता है। यह समूह पहले अल-कायदा से जुड़ा था और 2017 में इससे अलग हो गया था। अलकायदा वही संगठन है, जिसने अमेरिका को 9/11 के हमलों का दर्द दिया था। ट्रंप प्रशासन ने पहले इस सीरियाई संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित किया था। हालांकि, समय के साथ अमेरिका ने अपने हमलों के जख्मों को भुला दिया और डोनाल्ड ट्रंप को केवल वही चीजें दिखती हैं जो उसके लिए फायदेमंद हैं।


अहमद अल शरा का असली नाम

आपको बता दें कि सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा का असली नाम मोहम्मद अल-जोलानी है। अमेरिकी वांटेड पोस्टर पर भी उसका यही नाम लिखा है। इसके अलावा, उसे पकड़वाने वाले को लगभग 85 करोड़ रुपये का इनाम देने का वादा किया गया था।