सुकमा में नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता
सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई
सुकमा समाचार: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। जवानों ने शुक्रवार को मेट्टागुड़ा क्षेत्र के घने जंगलों और पहाड़ियों में छिपी नक्सलियों की हथियार और विस्फोटक बनाने वाली गुप्त इकाई को नष्ट कर दिया। अधिकारियों के अनुसार, यह इकाई काफी समय से सक्रिय थी और नक्सलियों को हथियार और विस्फोटक सामग्री की आपूर्ति कर रही थी।
सर्चिंग अभियान की सफलता
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सली गतिविधियों की सूचना मिलने पर जिला बल और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन की टीम ईरापल्ली और कोईमेंटा गांव की ओर भेजी गई थी। सर्चिंग अभियान के दौरान जवानों को इस गुप्त इकाई का पता चला। सूचना की पुष्टि होते ही सुरक्षाबलों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इसे ध्वस्त कर दिया।
भारी मात्रा में सामग्री की बरामदगी
महत्वपूर्ण सामग्री बरामद
अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने हथियार निर्माण और विस्फोटक तैयार करने में उपयोग होने वाले भारी मात्रा में उपकरण और सामग्री बरामद की। इसमें बारूद, डेटोनेटर, वायर, मशीनें और अन्य निर्माण उपकरण शामिल थे। यह बरामदगी इस बात का संकेत है कि नक्सली सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी कर रहे थे।
नक्सली संगठन को झटका
सुरक्षाबलों की कार्रवाई का प्रभाव
सुरक्षाबलों ने स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई से नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 'नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए हथियार और विस्फोटक निर्माण इकाई संचालित की जा रही थी। हमारी कार्रवाई से उन्हें गहरा नुकसान हुआ है और भविष्य में भी ऐसे अभियानों की रफ्तार और तेज होगी।' इस प्रकार की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों के संसाधन और नेटवर्क दोनों कमजोर हो रहे हैं।
सुरक्षाबलों की लगातार सफलताएं
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने हाल के महीनों में कई महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की हैं। 22 सितंबर को नारायणपुर जिले में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने माओवादी संगठन के दो प्रमुख लीडरों को मार गिराया था। दोनों पर अलग-अलग राज्यों में 3 करोड़ 60 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इससे पहले भी विभिन्न जिलों में हुई मुठभेड़ों में नक्सलियों के कई ठिकाने और कैंप ध्वस्त किए गए हैं। सुरक्षाबलों का कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभियान अब और तेज किया जाएगा। लगातार मिल रही सफलताओं से जवानों का मनोबल बढ़ा है। सुरक्षा एजेंसियां अब तकनीक और खुफिया नेटवर्क का उपयोग कर नक्सलियों को और कमजोर करने की रणनीति बना रही हैं.