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सुप्रीम कोर्ट का आवारा कुत्तों के लिए नया निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक स्थलों से हटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, कुत्तों को स्टेरिलाइजेशन के बाद वापस नहीं छोड़ा जाएगा। अदालत ने राज्यों को विशेष टीम बनाने का निर्देश दिया है, जो इन कुत्तों को पकड़कर उचित देखभाल सुनिश्चित करेगी। जानें इस आदेश के पीछे की वजह और इसके प्रभाव।
 

सुप्रीम कोर्ट का आदेश


नई दिल्ली: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आवारा कुत्तों के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। अदालत ने आदेश दिया है कि सभी आवारा कुत्तों को शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों के परिसरों से हटाया जाए। इसके साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन कुत्तों को स्टेरिलाइजेशन के लिए भेजा जाएगा, और उन्हें फिर से उसी क्षेत्र में नहीं छोड़ा जाना चाहिए। इस मामले की सुनवाई जस्टिस संदीप मेहता, विक्रम नाथ और एन.वी. अंजारिया की बेंच ने की।


कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सख्त निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और नगर निकायों को भी निर्देशित किया गया है कि वे आवारा कुत्तों को राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों तथा अन्य सड़कों से हटाएं। बेंच ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक विशेष हाईवे पेट्रोल टीम बनाने का भी आदेश दिया है, जो सड़कों पर इन कुत्तों को पकड़ने का कार्य करेगी और सुनिश्चित करेगी कि उन्हें उचित शेल्टर होम में भेजा जाए, जहां उनकी देखभाल सही तरीके से की जा सके।


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