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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: दिव्यांगों का मजाक उड़ाने पर कॉमेडियनों को माफी मांगने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगों का मजाक उड़ाने के लिए पांच कॉमेडियनों को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आदेश दिया है। इस मामले में समय रैना, विपुल गोयल, और अन्य शामिल हैं। अदालत ने भविष्य में उचित जुर्माना लगाने की संभावना भी जताई है। इसके साथ ही, केंद्र सरकार को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए गाइडलाइन तैयार करने का निर्देश दिया गया है। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में और क्या कहा गया है।
 

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और प्रसिद्ध कॉमेडियन समय रैना सहित पांच व्यक्तियों को दिव्यांगों का मजाक उड़ाने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आदेश दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में भविष्य में उचित जुर्माना या सजा भी लगाई जा सकती है।


याचिका का विवरण

यह कार्रवाई 'SMA Cure Foundation' द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हुई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कई कॉमेडियन अपने शो और पॉडकास्ट में दिव्यांग व्यक्तियों के खिलाफ असंवेदनशील और अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं। याचिका में समय रैना के अलावा विपुल गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, सोनाली ठक्कर और निशांत जगदीश तनवार का नाम भी शामिल है। जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।


कॉमेडियनों की प्रतिक्रिया

अदालत में कॉमेडियनों के वकील ने स्वीकार किया कि वे सभी अपने यूट्यूब चैनलों और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माफी पोस्ट करेंगे। कोर्ट ने आदेश दिया कि माफी के साथ-साथ इन सभी को एक हलफनामा भी दाखिल करना होगा। अदालत ने कहा कि यदि वे अपने वादे का पालन करते हैं, तो उन्हें फिलहाल व्यक्तिगत पेशी से छूट दी जाएगी, लेकिन जुर्माने के मुद्दे पर बाद में विचार किया जाएगा।


सरकार को निर्देश

इस मामले को और गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया है। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को निर्देश दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक विस्तृत गाइडलाइन तैयार की जाए। इस गाइडलाइन को बनाने में याचिकाकर्ता 'SMA Cure Foundation' और अन्य हितधारकों से भी सुझाव लिए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी व्यक्ति की गरिमा और सम्मान को ठेस न पहुंचे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला रणवीर अल्लाहबादिया और आशीष चंचलानी से जुड़े 'India's Got Latent' विवाद के साथ भी जोड़ा गया है।