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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: पूरे देश में पटाखों पर लगेगा बैन

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूरे देश में पटाखों की बिक्री, उत्पादन और निर्माण पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि यह रोक केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि सभी नागरिकों को स्वच्छ हवा का अधिकार है। अदालत ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए यह कदम उठाया है, जिससे आने वाले त्योहारों में पटाखों के उपयोग पर कड़ी पाबंदी लगाई जा सकती है। जानें इस फैसले के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभाव।
 

सुप्रीम कोर्ट का पटाखों पर बैन

Supreme Court Fire Cracker Ban: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देशभर में पटाखों के उत्पादन, बिक्री और निर्माण पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह रोक केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा, "सिर्फ इसलिए कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में है, इसका मतलब यह नहीं कि केवल दिल्लीवासी ही साफ हवा के हकदार हैं।"


दिल्ली-एनसीआर में पहले से लागू है पटाखों पर रोक

अप्रैल 2025 में, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को अत्यावश्यक घोषित किया था। अदालत का मानना था कि कुछ महीनों के लिए प्रतिबंध लगाने से कोई लाभ नहीं होगा। इससे पहले भी, अदालत ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए पटाखों के खिलाफ कई बार दखल दिया है।


प्रदूषण से आम जनता सबसे ज्यादा प्रभावित

सुनवाई के दौरान जस्टिस एएस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान ने कहा कि वायु प्रदूषण लंबे समय तक बेहद खतरनाक स्तर पर बना रहता है, जिससे आम आदमी, खासकर सड़क पर रोज़गार कमाने वालों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। जस्टिस ओका ने कहा, "हर कोई अपने घर और दफ्तर में एयर प्यूरीफायर नहीं लगा सकता। संविधान में स्वास्थ्य का अधिकार और प्रदूषण-मुक्त वातावरण में जीने का अधिकार मौलिक अधिकार है।"


अब होगा पैन-इंडिया पॉलिसी लागू

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पटाखों पर बैन को लेकर अब पूरे देश में एक समान नीति बनाई जाएगी। अदालत का कहना है कि केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि देशभर के नागरिकों को स्वच्छ हवा में सांस लेने का समान अधिकार है। इस आदेश से आने वाले त्योहारों और आयोजनों में पटाखों के इस्तेमाल पर कड़ी पाबंदी देखने को मिल सकती है।