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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संजय सिंह का भाजपा पर हमला

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला किया है। उन्होंने इसे मोदी सरकार के लिए एक बड़ा झटका बताया और कहा कि इस फैसले ने भाजपा के नफरती राजनीति के प्रयासों को विफल कर दिया है। संजय सिंह ने कहा कि यह निर्णय संविधान में विभिन्न धर्मों के अधिकारों के अनुरूप है और मोदी सरकार ने विपक्ष की सलाह को नजरअंदाज किया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसे ही बिल धार्मिक संपत्तियों को कब्जा करने के लिए आएंगे।
 

दिल्ली समाचार

दिल्ली समाचार: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सोमवार को वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि यह फैसला मोदी सरकार के लिए एक बड़ा झटका है, जिसने वक्फ की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को देने की योजना को विफल कर दिया है। इस निर्णय ने भाजपा और मोदी जी को सदमे में डाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय संविधान में विभिन्न धर्मों के लोगों को दिए गए अधिकारों के अनुरूप है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने विपक्ष की सलाह को नजरअंदाज करते हुए गैर-संवैधानिक बिल पर चर्चा कर सदन का समय बर्बाद किया। अब इस फैसले ने भाजपा के लिए नफरती राजनीति करने का अवसर भी छीन लिया है।


प्रेस वार्ता में संजय सिंह

सोमवार को एक प्रेस वार्ता में संजय सिंह ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय एक लंबी लड़ाई के बाद आया है। इस फैसले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समर्थक बहुत निराश हैं। हालांकि, उनके समर्थकों को कोई लाभ नहीं होने वाला था, लेकिन उन्हें नफरत फैलाने का एक अच्छा मौका मिल रहा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने छीन लिया। इस बिल के माध्यम से मोदी जी और उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य अपने मित्र अडानी सहित अन्य पूंजीपतियों को वक्फ की संपत्तियाँ सस्ते दाम पर देना था, लेकिन अब इस पर रोक लग गई है। भाजपा के लोग हिन्दू-मुस्लिम के मुद्दे पर राजनीति करते हैं, लेकिन सबसे बड़ा नुकसान प्रधानमंत्री के मित्र अडानी का हुआ है। देशभर में वक्फ की संपत्तियाँ महत्वपूर्ण स्थानों पर हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री अपने मित्रों को देना चाहते थे। इसलिए वे अब सदमे में हैं।


मोदी सरकार पर हमला

संजय सिंह ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के लिए गठित समिति का वह स्वयं सदस्य रहे हैं। भाजपा के जगदम्बिका पाल उस समिति के अध्यक्ष थे। समिति में विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य थे। सभी ने बार-बार कहा कि सरकार गलत दिशा में जा रही है। ऐसे कानून नहीं बनाए जाने चाहिए। केवल नफरत फैलाने के लिए मुद्दा बनाने की कोशिश करना गलत है। बिल में यह लिखा गया था कि केवल पांच साल तक मुस्लिम रीति-रिवाजों का पालन करने वाला व्यक्ति ही वक्फ को दान कर सकता है। यदि कोई कहे कि आप पांच साल तक मंदिर, गुरुद्वारे या चर्च जाएंगे तभी आप दान कर सकते हैं, तो यह क्या है? जिलाधिकारी को बहुत शक्तियाँ दी गई थीं। हमें धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के संविधान से मिली है। संविधान की धारा 25 और 26 में स्पष्ट कहा गया है कि हर व्यक्ति अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अपने धार्मिक स्थलों का प्रबंधन कर सकता है।


बिल पर खुशी

संजय सिंह ने कहा कि इस बिल पर खुश होने वालों के लिए मैंने संसद में भी कहा था कि खुश मत होना। क्योंकि भविष्य में ऐसे ही बिल जैन मंदिरों, चर्चों, गुरुद्वारों और मंदिरों की संपत्तियों को कब्जा करने के लिए आएंगे। इसी बीच, मुंबई में 90 साल पुराना एक जैन मंदिर तोड़ दिया गया। मैं देश के लोगों से सावधान रहने की अपील करता हूं। भाजपा के नफरती एजेंडे से बचें। भाजपा का उद्देश्य सभी धार्मिक संपत्तियों को कब्जा करना है। अयोध्या इसका ताजा उदाहरण है। ये लोग वहां बड़े पैमाने पर जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। इन्होंने रक्षा मंत्रालय की 13 हजार एकड़ जमीन अपने मित्र अडानी को व्यवसाय करने के लिए दे दी है। ये लोग धर्म नहीं, बल्कि धंधे का काम कर रहे हैं।


डॉ. भीम राव अंबेडकर ने दिए सभी धर्मों को अधिकार

संजय सिंह ने कहा कि सोमवार को वक्फ पर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर के संविधान में विभिन्न धर्मों के लोगों को दिए गए अधिकारों के अनुरूप है। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बाई यूजर को रद्द करने पर रोक लगा दी है। अब जिलाधिकारी यह निर्णय नहीं करेगा कि कोई संपत्ति वक्फ की है या नहीं। केंद्रीय वक्फ बोर्ड का सीईओ मुस्लिम समुदाय का होना अनिवार्य है। राज्य वक्फ बोर्ड में तीन से अधिक सदस्य किसी अन्य धर्म के नहीं हो सकते। केंद्रीय वक्फ बोर्ड में अधिकतम चार सदस्य गैर-मुस्लिम हो सकते हैं। बोर्ड में बहुमत मुस्लिम समुदाय के लोगों की होगी। पांच साल तक मुस्लिम रीति-रिवाज मानने वाला व्यक्ति ही वक्फ को दान कर सकता है, इसे भी सुप्रीम कोर्ट ने गलत माना है।


बेवजह के मुद्दों पर समय बर्बाद कर रही मोदी सरकार

संजय सिंह ने कहा कि इस फैसले से यह भी स्पष्ट हो गया है कि मोदी सरकार बेवजह के मुद्दों में संसद सत्र का समय बर्बाद कर रही है। मोदी सरकार ने गैर-संवैधानिक बिल पर सदन में चर्चा कर समय बर्बाद किया। अंततः सुप्रीम कोर्ट से उन्हें एक बड़ा झटका लगा। विपक्ष इस मुद्दे पर सही था, लेकिन केंद्र सरकार ने विपक्ष की कोई बात नहीं सुनी। मोदी जी से अनुरोध है कि वह अपने मित्र की दोस्ती में इतने अंधे न हो जाएं। धार्मिक संपत्तियों पर कब्जा करके अपने पूंजीपति मित्रों को देने की मुहिम पर रोक लगाएं। मोदी जी ने महज एक रुपए में हरी-भरी जंगल की 1050 एकड़ जमीन अडानी को दे दी। इस जमीन को कागजों में बंजर दिखाया गया है। वहां एक लाख पेड़ भी हैं।


वक्फ संशोधन बिल पर AAP का स्टैंड

संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी का शुरू से यह स्टैंड रहा है कि वक्फ संशोधन बिल पूरी तरह से गैर-संवैधानिक है और यह भारत में धर्म निरपेक्षता के ढांचे को बर्बाद करने की कोशिश है। यह धार्मिक संपत्तियों को कब्जा करके अपने पूंजीपति मित्रों को देने का प्रयास है। इसलिए आम आदमी पार्टी ने शुरू से इस बिल का विरोध किया था।