सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को हटाने का निर्णय क्यों रखा बरकरार: CJI BR गवई का बयान
CJI BR गवई का महत्वपूर्ण बयान
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने हाल ही में कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने का निर्णय संविधान के अनुरूप था। उन्होंने बताया कि यह धारा देश की एकता के लिए बाधक थी। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी एक ही संविधान की आवश्यकता पर जोर दिया था। गवई, जो कि दिसंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखने वाली तीन न्यायाधीशों की बेंच का हिस्सा थे, ने यह बातें नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहीं।
नागपुर में कार्यक्रम का आयोजन
गवई ने शनिवार को महाराष्ट्र के नागपुर में 'संविधान प्रस्तावना पार्क' के उद्घाटन और लॉ कॉलेज में अंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर यह बयान दिया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था, लेकिन इसे हटाना आवश्यक था ताकि पूरे देश में एक ही संविधान लागू हो सके।
डॉ. अंबेडकर के विचारों का संदर्भ
गवई ने यह भी बताया कि जब संसद ने अनुच्छेद 370 को समाप्त किया, तो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान, बेंच ने डॉ. अंबेडकर के विचारों का हवाला दिया, जिन्होंने कहा था कि भारत को एकजुट रखने के लिए एक ही संविधान की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय संविधान संघीय होने के साथ-साथ एकात्मक भी है, जो देश को विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाता है।
भारतीय संविधान की विशेषताएँ
जस्टिस गवई ने कहा कि भारतीय संविधान, भले ही संघीय है, लेकिन यह अमेरिका के संविधान से भिन्न है। उन्होंने बताया कि संविधान ने 75 वर्षों में कई संकटों का सामना किया है और देश को एकजुट रखा है। पड़ोसी देशों की तुलना में, भारत ने अपनी एकता को बनाए रखा है और चुनौतियों का सामना किया है।