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सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस में कुलदीप सेंगर की जमानत पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस में पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर की जमानत पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में महत्वपूर्ण सवालों पर विचार करने की आवश्यकता जताई है। पीड़िता ने कोर्ट के फैसले पर खुशी व्यक्त की और न्याय की उम्मीद जताई। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और कोर्ट के निर्णय के पीछे के कारण।
 

सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय


सीजेआई का बयान
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर की जमानत पर रोक लगा दी है। यह सुनवाई सोमवार को चीफ जस्टिस सूर्यकांत और अन्य न्यायाधीशों की बेंच द्वारा की गई। बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें लगभग 40 मिनट तक सुनीं। सीजेआई ने कहा कि जिन जजों ने सजा को निलंबित किया, वे उत्कृष्ट जज हैं, लेकिन गलती किसी से भी हो सकती है। कोर्ट ने सेंगर को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।


सुनवाई का अगला चरण
इस मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी। सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर को जमानत दी थी, जिसके खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि यह एक गंभीर मामला है, जिसमें धारा-376 और पॉक्सो के तहत आरोप लगाए गए हैं। ऐसे मामलों में न्यूनतम सजा 20 साल की हो सकती है, जो उम्रकैद तक बढ़ाई जा सकती है।


कोर्ट की टिप्पणियाँ

सीजेआई ने कहा कि इस मामले में महत्वपूर्ण सवालों पर विस्तार से विचार करना आवश्यक है। आमतौर पर, यदि किसी दोषी या विचाराधीन कैदी को रिहा किया गया है, तो बिना सुनवाई के ऐसे आदेशों पर रोक नहीं लगाई जाती। लेकिन इस मामले में परिस्थितियाँ भिन्न हैं, क्योंकि आरोपी पहले से ही एक अन्य मामले में दोषी ठहराया जा चुका है। इसलिए, दिल्ली हाईकोर्ट के 23 दिसंबर 2025 के आदेश पर रोक लगाई गई है।


पीड़िता की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट का आदेश सुनते ही पीड़िता भावुक हो गई और रोने लगी। एक्टिविस्ट योगिता भैयाना और अन्य महिलाओं ने उसे सांत्वना दी। पीड़िता ने कहा, "मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं। मुझे सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा। मैं इस लड़ाई को जारी रखूंगी और उसे फांसी की सजा दिलाने के लिए प्रयास करूंगी, ताकि हमारे परिवार को इंसाफ मिल सके।"