सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया विमान दुर्घटना की स्वतंत्र जांच की मांग पर नोटिस जारी किया
नई दिल्ली में एयर इंडिया विमान दुर्घटना पर सुप्रीम कोर्ट का कदम
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद में हुई एयर इंडिया विमान दुर्घटना के मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। 91 वर्षीय पुष्कराज सभरवाल की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है। पुष्कराज, उस विमान के पायलट कमांडर सुमीत सभरवाल के पिता हैं, जिनकी इस हादसे में मृत्यु हो गई थी। इस दुर्घटना में कुल 260 लोगों की जान गई थी।
याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया है कि इस हादसे की जांच एक स्वतंत्र न्यायिक समिति द्वारा की जाए, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाए। उनका कहना है कि मौजूदा जांच प्रक्रिया स्वतंत्र नहीं है और इस घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासनिक जांच पर्याप्त नहीं मानी जा सकती।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियाँ
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पायलट पर कोई आरोप नहीं लगाया जा सकता। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने यह भी कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में पायलट के खिलाफ कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं की गई है। अदालत ने याचिकाकर्ता को यह भी बताया कि उन्हें यह बोझ नहीं उठाना चाहिए कि उनके बेटे को दोषी ठहराया जा रहा है, क्योंकि किसी ने भी उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया है।
अगली सुनवाई की तारीख
कब होगी अगली सुनवाई?
याचिकाकर्ता के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण ने तर्क किया कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की जांच स्वतंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि यह चार महीने से चल रही है और अब तक कोई पारदर्शी परिणाम सामने नहीं आए हैं। अदालत ने केंद्र को नोटिस जारी करते हुए कहा कि यह मामला 10 नवंबर को एक अन्य समान याचिका के साथ सुना जाएगा। न्यायमूर्ति बागची ने यह भी कहा कि यदि जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाना है, तो इसके लिए वैधानिक प्रावधानों को भी चुनौती देनी होगी।
विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स पर अदालत की प्रतिक्रिया
विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स को क्यों किया खारिज?
सुनवाई के दौरान, अदालत ने विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया, जिसमें पायलट की गलती बताई गई थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने इसे 'घटिया रिपोर्टिंग' करार दिया और कहा कि भारत में कोई भी यह नहीं मानता कि गलती पायलट की थी। इस मामले का परिणाम भारत में विमानन दुर्घटनाओं की जांच प्रणाली पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। पीड़ितों के परिवार एयर इंडिया की उड़ान में हुई मौतों के कारणों की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच का इंतजार कर रहे हैं।