×

सुप्रीम कोर्ट ने एल्विश यादव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर लगाई रोक, जानें पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर और 'बिग बॉस' के विजेता एल्विश यादव के खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई पर अस्थायी रोक लगा दी है। उन पर आरोप है कि उन्होंने नोएडा में एक रेव पार्टी में सांप का जहर और अवैध मादक पदार्थों की आपूर्ति की। यह मामला लंबे समय से चर्चा में है और इसकी अगली सुनवाई 29 अगस्त 2025 को होगी। जानें इस मामले की पृष्ठभूमि और हाई कोर्ट के निर्णय के बारे में।
 

सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर और 'बिग बॉस' के विजेता एल्विश यादव के खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही पर अस्थायी रोक लगा दी है। उन पर आरोप है कि उन्होंने नोएडा में आयोजित एक रेव पार्टी में सांप का जहर और अवैध मादक पदार्थों की आपूर्ति और सेवन में संलिप्तता दिखाई। यह मामला लंबे समय से चर्चा में रहा है और इसे सुप्रीम कोर्ट में लंबित एक अन्य याचिका के साथ जोड़ा गया है, जिसकी अगली सुनवाई 29 अगस्त 2025 को निर्धारित की गई है.


मामले की पृष्ठभूमि

एल्विश यादव को 17 मार्च 2025 को नोएडा पुलिस ने एक कथित रेव पार्टी में सांपों का जहर उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रखा गया, लेकिन पांच दिन बाद जमानत मिल गई। इसके बाद, गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने अप्रैल में यादव और अन्य सात आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत 1200 पन्नों का आरोपपत्र दायर किया, जिसमें सांपों की तस्करी और उनके जहर के उपयोग का विवरण दिया गया।


हाई कोर्ट का रुख और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

मई 2025 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एल्विश की चार्जशीट और समन रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि मामले से जुड़े तथ्य और आरोप ट्रायल के दौरान तय किए जाने चाहिए। एल्विश के वकीलों ने यह तर्क दिया कि न तो उनके पास से कोई सांप या नशीला पदार्थ बरामद हुआ और न ही उनका किसी सह-आरोपी से संबंध स्थापित हुआ। इसके अलावा, एफआईआर दर्ज कराने वाला व्यक्ति वैध वन्यजीव अधिकारी नहीं था। हालांकि, अभियोजन पक्ष ने कहा कि एल्विश ने सांपों की आपूर्ति की थी और पार्टी में शामिल लोगों को जहर और ड्रग्स लेते हुए पाया गया था। हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह कितना भी प्रसिद्ध क्यों न हो, कानून से छूट नहीं मिल सकती।