सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में पत्रकारों पर हमले के मामले में सरकार को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में पत्रकारों के साथ हुई मारपीट की घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। अदालत ने राज्य सरकार को इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पत्रकारों का कहना है कि भिंड के एसपी कार्यालय में एक पत्रकार के साथ मारपीट की गई है, जिससे उसकी जान को खतरा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक पत्रकार को सुरक्षा प्रदान की है।
पत्रकारों पर हमले की घटना
रिपोर्टों के अनुसार, मध्य प्रदेश के पत्रकार अमरकांत सिंह चौहान और शशिकांत गोयल को रेल माफिया पर रिपोर्टिंग करने के दौरान पुलिस स्टेशन में पीटा गया। इस घटना के खिलाफ दोनों पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई के लिए अदालत ने सहमति दी और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया। अमरकांत सिंह चौहान एक समाचार चैनल के भिंड ब्यूरो प्रमुख हैं।
सुरक्षा की मांग
याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से उनके गिरफ्तारी से सुरक्षा देने की अपील की। न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि दूसरे पक्ष को जवाब देने का अवसर दिया जाना चाहिए। जजों ने राज्य सरकार से भी इस मामले में तथ्य प्रस्तुत करने को कहा।
अमरकांत सिंह चौहान को सुरक्षा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह अमरकांत सिंह चौहान को दो महीने तक सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था। तीन पत्रकारों ने जिला कलेक्टर को शिकायत में आरोप लगाया था कि भिंड पुलिस अधीक्षक असित यादव के कार्यालय में उनके साथ मारपीट की गई और उनकी जान को खतरा है। उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को अमरकांत चौहान को सुरक्षा देने का निर्देश दिया था। एसपी असित ने पत्रकारों पर हमले के आरोपों का खंडन किया है।