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सुप्रीम कोर्ट ने वनतारा चिड़ियाघर को दी क्लीन चिट, जांच रिपोर्ट में नहीं मिली कोई गड़बड़ी

सुप्रीम कोर्ट ने वनतारा चिड़ियाघर को क्लीन चिट देते हुए कहा कि जानवरों की खरीद-बिक्री नियमों के अनुसार हुई है। एक विशेष जांच दल ने इस मामले की जांच की और अदालत ने रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने का आदेश दिया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के निर्णय के पीछे की कहानी।
 

वनतारा चिड़ियाघर की जांच का परिणाम

नई दिल्ली। हाथी के स्थानांतरण को लेकर उठे विवाद के बाद, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। इस एसआईटी ने मुकेश अंबानी परिवार द्वारा संचालित वनतारा चिड़ियाघर की जांच की। जांच के निष्कर्षों के आधार पर, वनतारा को क्लीन चिट दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा, 'जामनगर स्थित वनतारा वाइल्डलाइफ रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर में जानवरों की खरीद और बिक्री नियमों के अनुसार की गई है।'


अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि एसआईटी की रिपोर्ट में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने कहा, 'अब इस मामले को बार-बार उठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्वतंत्र समिति द्वारा की गई जांच पर हम भरोसा करेंगे।' उल्लेखनीय है कि एक वकील सीआर जया सुकीन और देव शर्मा ने जुलाई में कोल्हापुर के जैन मठ से हाथी 'माधुरी' को वनतारा में ले जाने के विवाद के बाद याचिका दायर की थी। इसके बाद एसआईटी का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जे चेलमेश्वर ने किया। एसआईटी ने 12 सितंबर को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।