सुप्रीम कोर्ट में बाल विवाह के खिलाफ महत्वपूर्ण सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट आज एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करेगा, जिसमें एक नाबालिग लड़की ने अपने बाल विवाह को अमान्य घोषित करने की मांग की है। यह मामला बाल विवाह के कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डालता है और इसके परिणाम लाखों लड़कियों के अधिकारों पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। क्या बाल विवाह को पूरी तरह से अवैध माना जाना चाहिए? जानें इस सुनवाई के बारे में अधिक जानकारी।
Jun 18, 2025, 12:14 IST
बाल विवाह पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट आज एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करने जा रहा है, जो एक नाबालिग लड़की से संबंधित है। इस लड़की ने अपने बाल विवाह को अमान्य (void ab initio) घोषित करने की मांग की है। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। याचिका में यह कानूनी प्रश्न उठाया गया है कि क्या बाल विवाह को पूरी तरह से गैर-कानूनी और शून्य माना जाना चाहिए या इसे केवल 'रद्द करने योग्य' (voidable) समझा जाना चाहिए, जिसे लड़की अपनी वयस्कता में रद्द कर सकती है।लड़की के वकील का तर्क है कि चूंकि नाबालिग कानूनी सहमति नहीं दे सकती, इसलिए ऐसे विवाह को पूरी तरह से अवैध माना जाना चाहिए। वर्तमान में, 'बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006' के तहत, बाल विवाह को शून्य नहीं, बल्कि शून्यकरणीय माना जाता है। इसका अर्थ है कि पीड़ित को बालिग होने के दो साल के भीतर अदालत में याचिका दायर करनी होती है। इस सुनवाई का परिणाम भारत में बाल विवाह के खिलाफ कानूनी लड़ाई पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि यह लाखों लड़कियों के अधिकारों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।