सुरक्षा बलों ने कुलगाम में लश्कर के कमांडर रहमान भाई को ढेर किया
कुलगाम में आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
नई दिल्ली। कुलगाम जिले में सुरक्षा बलों ने एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन के तहत लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रमुख कमांडर अब्दुल रहमान उर्फ रहमान भाई को मार गिराया है। रहमान को घाटी में आतंक के सबसे खतरनाक तत्वों में से एक माना जाता था। उसकी मौत को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
रविवार की रात से शुरू हुए इस एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने कुलगाम के एक गांव को घेर लिया था। खुफिया जानकारी के आधार पर सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर यह अभियान चलाया। जैसे ही आतंकियों ने गोलीबारी की, रहमान भाई को जवाबी कार्रवाई में मार गिराया गया। वह 2005 से लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था और संगठन में डिविजनल कमांडर के रूप में कार्यरत था।
रहमान भाई का नेटवर्क घाटी में फैला हुआ था, जिससे वह पाकिस्तान के आतंकवादी कमांडरों का विश्वसनीय सहयोगी बन गया था। वह पिछले एक दशक से सुरक्षा एजेंसियों की वांछित सूची में था। सूत्रों के अनुसार, रहमान भाई लश्कर की रणनीतियों को निर्धारित करने, हथियारों की आपूर्ति करने और नए सदस्यों की भर्ती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। वह अक्सर स्थानीय युवाओं को आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए उकसाता था।
आतंकवादी गतिविधियों में शामिल
सुरक्षा बलों के अनुसार, रहमान भाई पर एक साल पहले तीन युवतियों की हत्या का आरोप था। इसके अलावा, वह कई ग्रेनेड हमलों, सुरक्षाबलों पर घात लगाकर की गई फायरिंग और नागरिकों की हत्या में भी शामिल रहा। उसकी जिम्मेदारी केवल हमले करना नहीं थी, बल्कि पाकिस्तान से आने वाली फंडिंग और हथियारों को घाटी में पहुंचाना भी थी। यही कारण था कि सुरक्षा एजेंसियां उसकी तलाश में थीं।
एनकाउंटर की प्रक्रिया
कुलगाम में यह एनकाउंटर एक खुफिया सफलता के रूप में देखा जा रहा है। सुरक्षाबलों को पुख्ता जानकारी मिली थी कि रहमान भाई अपने साथियों के साथ एक घर में छिपा हुआ है। इलाके को तुरंत सील कर दिया गया और स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकाला गया। इसके बाद आतंकियों से आत्मसमर्पण करने का आग्रह किया गया, लेकिन रहमान भाई ने जवाबी गोलीबारी की। लगभग तीन घंटे तक चली मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने उसे मार गिराया। घटना स्थल से एके-47 राइफल, पिस्तौल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया।
एनकाउंटर का महत्व
रहमान भाई की मौत लश्कर-ए-तैयबा के लिए एक बड़ा झटका है। उसकी पकड़ घाटी में मजबूत थी और वह संगठन का प्रमुख चेहरा बन चुका था। उसके मारे जाने से लश्कर की कमान और मनोबल दोनों पर असर पड़ेगा। कुलगाम, पुलवामा और शोपियां जैसे क्षेत्रों में हाल के महीनों में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी थीं। सुरक्षा एजेंसियां लगातार इन क्षेत्रों में अभियान चला रही हैं। रहमान भाई के मारे जाने के बाद उम्मीद है कि यहां सक्रिय आतंकवादी मॉड्यूल कमजोर पड़ेंगे।