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सैनिकों के लिए ऐतिहासिक कानूनी सहायता योजना की शुरुआत

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने 'वीर परिवार सहायता योजना' की शुरुआत की है, जो सैनिकों और उनके परिवारों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करेगी। इस योजना का उद्घाटन कारगिल विजय दिवस पर किया गया, जिसका उद्देश्य सैनिकों को घरेलू कानूनी चुनौतियों से राहत प्रदान करना है। इस पहल से दूर-दराज के क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को भी मदद मिलेगी, जिससे वे अपनी ड्यूटी पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
 

Kargil Vijay Diwas पर विशेष योजना का उद्घाटन

Kargil Vijay Diwas: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने देश के सैनिकों और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है, जिसके तहत 'वीर परिवार सहायता योजना' की शुरुआत की गई है। इस योजना के अंतर्गत सैनिकों और उनके परिवारों को घरेलू और संपत्ति से संबंधित कानूनी समस्याओं के समाधान के लिए निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना का उद्घाटन श्रीनगर में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर एक विशेष सम्मेलन में एनएएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति सूर्यकांत द्वारा किया गया।


जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव और अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कुलदीप शर्मा ने जानकारी दी कि इस योजना के तहत सभी राज्यों के सैनिक कल्याण बोर्डों में विधिक सेवा क्लीनिक स्थापित किए जाएंगे। इन क्लीनिकों में सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों को निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध होगी। इन केंद्रों पर विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल वकील और अर्ध-विधिक स्वयंसेवक तैनात रहेंगे, जो कानूनी मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेंगे।


सैनिकों के लिए पहली बार विशेष कानूनी सहायता


यह पहली बार है जब देश में सैनिकों और उनके परिवारों के लिए विशेष रूप से निःशुल्क कानूनी सहायता की व्यवस्था की गई है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य सैनिकों को कठिन परिस्थितियों में देश की सेवा करते समय घरेलू कानूनी बोझ से मुक्त करना है। योजना का संदेश स्पष्ट है: "आप सीमा पर देश की सेवा करें, हम घर पर आपके परिवार की देखभाल करेंगे।"


दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को राहत


दूर-दराज और दुर्गम स्थानों पर तैनात सैनिक अक्सर घरेलू, संपत्ति या भूमि से संबंधित कानूनी विवादों का सामना करते हैं। इन मामलों को आगे बढ़ाने में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। एनएएलएसए इस योजना के माध्यम से ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करेगा, ताकि सैनिकों को देश भर की अदालतों में उचित प्रतिनिधित्व मिल सके। यह पहल सैनिकों को मानसिक शांति प्रदान करेगी, जिससे वे अपनी ड्यूटी पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।


उद्घाटन समारोह में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति


इस अवसर पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा उपस्थित थे। इस योजना को सशस्त्र बलों के बलिदान और समर्पण को सम्मान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।