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सोनम वांगचुक के खिलाफ केंद्र सरकार की कार्रवाई: विदेशी फंडिंग की जांच शुरू

केंद्र सरकार ने लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं, जिसमें उनके एनजीओ का विदेशी चंदा प्राप्त करने का लाइसेंस रद्द करना शामिल है। वांगचुक पर लेह में हुई हिंसा के लिए आरोप लगाए गए हैं, जबकि उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया है। सीबीआई ने उनकी संस्था के खिलाफ जांच शुरू कर दी है, और वांगचुक ने सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है।
 

केंद्र सरकार की कार्रवाई

लेह। केंद्र सरकार ने लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। उनके गैर सरकारी संगठन का विदेशी चंदा प्राप्त करने का लाइसेंस, जिसे एफसीआरए कहा जाता है, रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा, उनकी संस्था को दी गई भूमि का पट्टा भी रद्द कर दिया गया है और सीबीआई ने उनके विदेशी चंदे की जांच शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि लद्दाख में आयकर नहीं लगता, फिर भी उन्हें आयकर का नोटिस भेजा गया है। केंद्र ने 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें चार लोगों की जान गई थी।


वांगचुक का बयान

सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सोनम वांगचुक ने लेह में हिंसा भड़काने के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा, 'मुझे बलि का बकरा बनाया जा रहा है। इससे स्थिति में सुधार नहीं होगा, बल्कि और बिगड़ जाएगी।' केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वांगचुक पर आरोप लगाया कि उन्होंने भड़काऊ बयानों से भीड़ को उकसाया और हिंसा के दौरान अपने उपवास को तोड़कर एम्बुलेंस से अपने गांव चले गए।


सीबीआई की जांच

सीबीआई ने वांगचुक की संस्था, हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ आल्टरनेटिव्स लद्दाख (एचआईएएल), के खिलाफ विदेशी फंडिंग के मामले में जांच शुरू कर दी है। सरकार ने उनके एनजीओ की विदेशी फंडिंग का लाइसेंस रद्द कर दिया है। एचआईएएल और स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख पर एफसीआरए के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। सीबीआई की टीमें लद्दाख में सक्रिय हैं और फिलहाल कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।


वांगचुक की प्रतिक्रिया

वांगचुक ने कहा कि सीबीआई की टीम ने करीब 10 दिन पहले गृह मंत्रालय का आदेश लेकर उनसे संपर्क किया था, जिसमें कहा गया था कि उनकी संस्थाओं ने विदेशी चंदा लेने के लिए आवश्यक मंजूरी नहीं ली। उन्होंने यह भी बताया कि सीबीआई को केवल 2022 से 2024 तक के खातों की जांच करनी थी, लेकिन अब वे 2020 और 2021 के रिकॉर्ड भी देख रहे हैं। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस ने उन पर राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया है।


सरकार की कार्रवाई पर सवाल

सरकार ने एचआईएएल को दी गई भूमि का पट्टा यह कहते हुए रद्द कर दिया कि लीज की रकम जमा नहीं की गई, जबकि वांगचुक के पास दस्तावेज हैं जो बताते हैं कि सरकार ने फीस न लेने का आश्वासन दिया था। आयकर विभाग से भी उन्हें नोटिस प्राप्त हुआ है, जबकि लद्दाख में कोई टैक्स नहीं है। वांगचुक ने कहा, 'मैं स्वेच्छा से टैक्स देता हूं, फिर भी नोटिस भेजे जा रहे हैं।'