स्पाइसजेट की उड़ान में तकनीकी संकट: मुंबई में सुरक्षित लैंडिंग से यात्रियों ने ली राहत की सांस
स्पाइसजेट विमान में तकनीकी समस्या
गुजरात के कांडला से मुंबई के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद स्पाइसजेट की एक फ्लाइट में गंभीर तकनीकी समस्या उत्पन्न हुई। टेकऑफ के बाद विमान का एक पहिया टूटकर रनवे पर गिर गया। इस समय विमान में कुल 75 यात्री मौजूद थे। हालांकि, पायलट की कुशलता के कारण सभी यात्रियों को सुरक्षित लैंडिंग के बाद बाहर निकाल लिया गया।
मुंबई एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी
इस घटना के बाद मुंबई एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) ने स्थिति को गंभीर मानते हुए शाम 5 बजे तक इमरजेंसी घोषित कर दी। स्पाइसजेट और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इस मामले पर आधिकारिक बयान जारी किया है।
ATC द्वारा पायलट को दी गई जानकारी
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जैसे ही विमान ने उड़ान भरी, कांडला ATC को रनवे पर कुछ गिरता हुआ दिखाई दिया। तुरंत पायलट को सूचित किया गया और ATC की एक जीप मौके पर भेजी गई। वहां पहुंचने पर मेटल के छल्ले और एक पहिया रनवे पर पाया गया।
पायलट की सूझबूझ से सुरक्षित लैंडिंग
घटना की गंभीरता को समझते हुए पायलट ने बिना घबराए विमान को मुंबई एयरपोर्ट की दिशा में मोड़ दिया और नियंत्रित तरीके से लैंड कराया। विमान ने सफलतापूर्वक लैंडिंग की और सभी यात्री सामान्य रूप से टर्मिनल तक पहुंचे।
स्पाइसजेट का आधिकारिक बयान
स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा कि 12 सितंबर को कांडला से मुंबई जा रहे Q400 विमान का एक बाहरी पहिया उड़ान भरने के तुरंत बाद रनवे पर पाया गया। विमान ने अपनी यात्रा जारी रखी और मुंबई में सुरक्षित रूप से उतरा। लैंडिंग के बाद विमान टर्मिनल तक पहुंचा और सभी यात्री सामान्य रूप से नीचे उतरे।
एयरपोर्ट पर इमरजेंसी की घोषणा
इस घटना के बाद मुंबई एयरपोर्ट पर सुरक्षा अलर्ट बढ़ा दिया गया और शाम 5 बजे तक 'फुल इमरजेंसी' की स्थिति बना दी गई थी। ग्राउंड स्टाफ को तैनात किया गया और फायर टेंडर भी तैयार रखे गए थे।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
यात्रियों ने स्पाइसजेट और पायलट की त्वरित प्रतिक्रिया के लिए आभार व्यक्त किया। एक यात्री ने बताया कि हमें शुरुआत में पता नहीं चला कि कुछ गंभीर हुआ है, लेकिन लैंडिंग के बाद जब जानकारी मिली, तो हम सबने ईश्वर का धन्यवाद किया।
संभावित जांच के आदेश
DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) द्वारा इस घटना की जांच कराए जाने की संभावना है ताकि यह पता चल सके कि तकनीकी समस्या क्यों हुई और भविष्य में ऐसी घटनाओं से कैसे बचा जा सके।