स्वर्णजीत कौर: एक समर्पित माता और प्रेरणादायक व्यक्तित्व
स्वर्णजीत कौर का अंतिम अरदास
चंडीगढ़: सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक प्रीत कंवल सिंह की माता, स्व. स्वर्णजीत कौर, जिनका हाल ही में निधन हुआ, के लिए पाठ का भोग एवं अंतिम अरदास 5 अक्तूबर को दोपहर 12 से 1 बजे तक चंडीगढ़ के सेक्टर 46-डी स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में आयोजित किया जाएगा।
जीवन की शुरुआत और शिक्षा
स्वर्णजीत कौर का जन्म 15 दिसंबर 1945 को कुराली के पास गाँव सिंहपुरा में हुआ। उनके परिवार की जड़ें ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जुड़ी थीं, जो युद्ध-कथाओं से संबंधित थीं। वे पाँच बहनों और दो भाइयों में से एक थीं। शिक्षा के महत्व को समझते हुए, उनके परिवार ने बेटियों को भी पढ़ाई का अवसर दिया। उन्होंने खालसा स्कूल कुराली से दसवीं कक्षा पास की।
परिवार और विवाह
स्वर्णजीत कौर का विवाह 11 जून 1967 को बस्सी पठाना के बहादर सिंह से हुआ। उनके पति रेलवे में कार्यरत थे और उनके दो बेटियाँ तथा दो पुत्र हुए। परिवार की जिम्मेदारियों के चलते उन्होंने नौकरी नहीं की। उनके पति ने 2003 में रेलवे से सेवानिवृत्ति ली।
बच्चों की सफलता
स्वर्णजीत कौर ने अपने बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उनकी बड़ी बेटी नवजोत नीलम सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता रहीं। उनका बड़ा बेटा अमनदीप सिंह व्यवसाय चला रहा है, जबकि छोटा बेटा प्रीत कंवल सिंह पंजाब सरकार में संयुक्त निदेशक हैं।
व्यक्तित्व और शौक
स्वर्णजीत कौर का स्वभाव स्नेहमयी और सादगीपूर्ण था। वे एक कुशल गृहिणी थीं और बागवानी का शौक रखती थीं, उनके घर की छत पर लगभग 250 गमलों का सुंदर बाग था।
अंतिम श्रद्धांजलि
इस दुखद समय में हम प्रार्थना करते हैं कि वाहेगुरु इस नेक आत्मा को अपने चरणों में स्थान प्रदान करें।