स्वामी चैतन्यानंद की गिरफ्तारी के बाद व्हाट्सएप चैट का खुलासा
स्वामी चैतन्यानंद की व्हाट्सएप चैट लीक
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की गिरफ्तारी: स्वयंभू धर्मगुरु स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की गिरफ्तारी के बाद एक विवादास्पद व्हाट्सएप चैट सामने आई है, जिसने पूरे देश में हलचल मचा दी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह चैट स्वामी चैतन्यानंद की बताई जा रही है, और इसके खुलासे ने सभी को चौंका दिया है। चैट में संकेत मिलता है कि युवा महिला छात्रों का कथित रूप से शोषण किया जा रहा था, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
चैट में एक संदेश में चैतन्यानंद एक 'दुबई शेख' के साथ मुलाकात की योजना बनाते हुए नजर आते हैं। इस बातचीत ने न केवल जांच एजेंसियों को सतर्क किया है, बल्कि समाज में भी गहरी नाराजगी फैला दी है। अब पुलिस और जांच दल इन चैट्स की सच्चाई और संभावित नेटवर्क का पता लगाने में जुट गए हैं।
'दुबई शेख' के लिए सेक्स पार्टनर की तलाश
चैतन्यानंद की बातचीत का खुलासा:
दिल्ली बाबा: 'एक दुबई शेख सेक्स पार्टनर चाहता है, क्या तुम्हारा कोई अच्छा दोस्त है?'
पीड़िता: 'कोई नहीं है.'
दिल्ली बाबा: 'यह कैसे मुमकिन है?'
पीड़िता: 'मुझे नहीं पता.'
दिल्ली बाबा: 'क्या तुम्हारी कोई क्लासमेट है? जूनियर?'
अन्य चैट में, चैतन्यानंद एक पीड़िता को 'प्यारी बच्ची, बेटी गुड़िया' जैसे शब्दों से संबोधित करते हैं और दिनभर तथा देर रात तक जुनूनी संदेश भेजते हैं।
चैट में आपत्तिजनक संदेश
चैट के कुछ उदाहरण:
'बेबी तुम कहां हो?' (7:49 PM)
'गुड मॉर्निंग बेबी' (दोपहर 12:40 बजे)
'तुम मुझसे नाराज क्यों हो?' (12:41 अपराह्न)
एक अन्य बातचीत में, उन्होंने एक छात्र से पूछा, 'क्या तुम मेरे साथ नहीं सोओगे?'
गिरफ्तारी की जानकारी
कमरा नंबर 101 से गिरफ्तारी:
चैतन्यानंद को रविवार तड़के आगरा के ताजगंज इलाके के एक होटल से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि वह पिछले दो महीनों से गिरफ्तारी से बच रहा था और वृंदावन, मथुरा और आगरा के बीच घूमता रहता था।
पुलिस के अनुसार, वह 27 सितंबर को 'पार्थ सारथी' उपनाम से होटल में ठहरा और कमरे 101 में रुका। गिरफ्तारी के समय पुलिस ने एक आईपैड और तीन मोबाइल फोन जब्त किए।
फर्जी दस्तावेजों का खुलासा
फर्जी विजिटिंग कार्ड और दस्तावेज:
पुलिस ने फर्जी विजिटिंग कार्ड भी बरामद किए, जिनमें उनके नाम के साथ संयुक्त राष्ट्र में 'स्थायी राजदूत' का उल्लेख था। उनके पास से दो पासपोर्ट जैसे दस्तावेज भी मिले, जिनमें जन्मस्थान और माता-पिता के बारे में विरोधाभासी जानकारी थी।
पुलिस ने 8 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है और जांचकर्ताओं को पता चला कि उन्होंने अगस्त में एफआईआर दर्ज होने के बाद फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके 50 लाख रुपये से अधिक की राशि निकाल ली थी।