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हरियाणा आईपीएस आत्महत्या मामले में अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर

हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में डीजीपी सहित कई अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनकी पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनके पति को उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाया गया। इस मामले में सुसाइड नोट में गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिससे यह मामला और भी जटिल हो गया है। जानें पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
 

हरियाणा में आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या पर एफआईआर


हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में, डीजीपी समेत एक दर्जन से अधिक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक पुलिस के प्रमुख नरेंद्र बिजारनिया ने पूरन कुमार को आत्महत्या के लिए उकसाया। इन सभी अधिकारियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।


सुसाइड नोट में मानसिक उत्पीड़न का आरोप

2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने घर में आत्महत्या की। उन्होंने एक आठ पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। पुलिस के अनुसार, उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारी, और उनका शव उनकी बेटी को बेसमेंट में मिला।


पत्नी ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए

अधिकारी की पत्नी, अमनीत पी कुमार, जो खुद एक भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं, ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने शत्रुजीत सिंह कपूर और नरेंद्र बिजारनिया पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके पति को जाति-आधारित गालियां दीं। अमनीत ने दोनों अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने अपने पति के लिए न्याय की गुहार लगाई।


आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा

अमनीत ने अपनी शिकायत में कहा, "मैं न केवल अपने परिवार के लिए, बल्कि हर ईमानदार अधिकारी के जीवन और सम्मान के लिए प्रार्थना कर रही हूं। यह कोई साधारण आत्महत्या का मामला नहीं है, बल्कि मेरे पति को उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा व्यवस्थित उत्पीड़न का परिणाम है। उन्हें इस हद तक धकेल दिया गया कि उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।"