हरियाणा आरटीएस आयोग ने महिला एवं बाल विकास कार्यालय पर लगाया जुर्माना
आरटीएस आयोग की कार्रवाई
चंडीगढ़: हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने नूंह जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग की गंभीर लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने संबंधित सहायक पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है और शिकायतकर्ता को 5 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई आरटीएस समय-सीमा के उल्लंघन के कारण की गई है। शिकायतकर्ता ने आयोग के समक्ष आवेदन दिया था, जिसमें बताया गया कि उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग की एक योजना के तहत समय पर आवेदन किया था, लेकिन निर्धारित अवधि के बावजूद उन्हें योजना का लाभ काफी देर से मिला। जांच में यह पाया गया कि लाभ छह महीने से अधिक की देरी से प्रदान किया गया, जो हरियाणा सेवा अधिकार अधिनियम के सिद्धांतों के खिलाफ है।
आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता का आवेदन 25 जुलाई 2024 को सरल पोर्टल पर जमा किया गया था, लेकिन आवश्यक यूनिक कोड समय पर न बनने के कारण लाभ का भुगतान 16 अप्रैल 2025 को किया जा सका। डीपीओ, नूंह द्वारा बार-बार स्मरण पत्र भेजे जाने के बावजूद डब्ल्यूसीडीपीओ, नूंह-2 कार्यालय से यूनिक कोड समय पर जारी नहीं किया गया।
सुनवाई के दौरान आयोग ने सहायक की भूमिका को देरी के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया। आयोग ने यह भी कहा कि सुनवाई के दिन सहायक का आचरण उनके आधिकारिक कर्तव्यों के प्रति लापरवाही को दर्शाता है। आरटीएस आयोग ने हरियाणा सेवा अधिकार अधिनियम, 2014 की धारा 17(1)(ह) के तहत संबंधित सहायक पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है और शिकायतकर्ता को 5 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। कुल 20 हजार रुपये की राशि सहायक के वेतन से वसूली जाएगी, जिसमें से 15 हजार रुपये राज्य कोष में जमा होंगे, जबकि 5 हजार रुपये शिकायतकर्ता को दिए जाएंगे।
आयोग ने डीपीओ, नूंह को आदेशों के अनुपालन से संबंधित रिपोर्ट दस्तावेजी प्रमाण सहित प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, संबंधित अवधि में डब्ल्यूसीडीपीओ के प्रभार की स्थिति स्पष्ट करने और जिम्मेदार अधिकारी से स्पष्टीकरण प्राप्त कर रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि दिव्यांग कोटे के तहत नियुक्त होने के बावजूद सरकारी कर्मचारी की जिम्मेदारी है कि वह योजनाओं का लाभ समय पर पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाए। अनावश्यक देरी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी और भविष्य में ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।