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हरियाणा की मंडियों में फसलों के भाव में वृद्धि: सिरसा और ऐलनाबाद की ताजा जानकारी

हरियाणा की सिरसा और ऐलनाबाद मंडियों में फसलों के भाव में वृद्धि की ताजा जानकारी सामने आई है। नरमा, सरसों, चना और अन्य फसलों के दामों में हल्का उतार-चढ़ाव देखा गया है। यह जानकारी किसानों को अपनी फसल बेचने की योजना बनाने में मदद करेगी। जानें किस फसल के दाम में क्या बदलाव आया है और कैसे यह किसानों की आय को प्रभावित कर सकता है।
 

हरियाणा की मंडियों में फसलों के ताजा भाव

हरियाणा की मंडियों में फसलों के भाव में वृद्धि: सिरसा और ऐलनाबाद की ताजा जानकारी: सिरसा: हरियाणा के किसानों के लिए सिरसा और ऐलनाबाद अनाज मंडी से नई जानकारी आई है, जहां नरमा, सरसों, चना और अन्य फसलों के मंडी भाव जारी किए गए हैं।


इन मंडियों में फसलों की कीमतों में हल्का उतार-चढ़ाव देखा गया है, जो किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी है। सिरसा मंडी में नरमा और सरसों की कीमतों ने ध्यान आकर्षित किया है, जबकि ऐलनाबाद मंडी में चना और मेथी के दाम स्थिर बने हुए हैं। यह जानकारी किसानों को अपनी फसल बेचने की योजना बनाने में मदद करेगी और उनकी आय को बढ़ाने में सहायक होगी।Mandi Bhav


सिरसा मंडी में नरमा 7600 से 7835 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बिका, जबकि कपास की कीमत 6800 से 6865 रुपये रही। सरसों के दाम 5800 से 6378 रुपये तक दर्ज किए गए, और ग्वार 4400 से 4880 रुपये के बीच रहा। इसके अलावा, चना 5200 से 5300 रुपये और गेहूं 2480 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर बिका। जौ की कीमत 1700 से 2150 रुपये रही। ये भाव किसानों को बाजार के रुझान समझने में मदद करेंगे।


ऐलनाबाद मंडी में भी फसलों के दामों ने किसानों का ध्यान खींचा। यहां नरमा 7500 से 7831 रुपये के बीच बिका, जबकि सरसों 5700 से 6140 रुपये प्रति क्विंटल रही। ग्वार के दाम 4400 से 4896 रुपये और चना 5400 से 5481 रुपये के बीच रहे। खास बात यह रही कि सम्राट चना की कीमत 5440 से 5500 रुपये तक पहुंची। इसके साथ ही, मेथी 4500 से 4800 रुपये और अरंडी 5400 से 5800 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर बिकी। जौ की कीमत 1900 से 2151 रुपये रही।


ये मंडी भाव किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक हैं, जो उन्हें अपनी फसल बेचने के लिए सही समय और स्थान चुनने में मदद करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम और बाजार की मांग के आधार पर इन कीमतों में बदलाव हो सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से अनाज मंडी के भावों पर नजर रखें ताकि वे अपनी मेहनत का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें।