हरियाणा की मधु मान ने सिविल सर्विसेज टेनिस टूर्नामेंट में जीते दो सिल्वर मेडल
गुजरात में आयोजित सिविल सर्विसेज टेनिस टूर्नामेंट
गुजरात के गांधीनगर में आयोजित ऑल इंडिया सिविल सर्विसेज लॉन टेनिस टूर्नामेंट 2025-26 में हरियाणा की वरिष्ठ अधिकारी मधु मान ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दो सिल्वर मेडल अपने नाम किए। इस उपलब्धि के साथ वे इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उत्तर भारत से पदक जीतने वाली एकमात्र महिला अधिकारी बन गई हैं।
सरकारी जिम्मेदारियों के साथ खेल में निरंतर सफलता
हरियाणा सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग में ज्वाइंट डायरेक्टर प्रशासन के रूप में कार्यरत मधु मान का यह प्रदर्शन बताता है कि प्रशासनिक जिम्मेदारियां और खेल, दोनों को साथ निभाया जा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सिविल सेवाओं में कार्यरत अधिकारियों के लिए समय निकालकर प्रतिस्पर्धी खेलों में भाग लेना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन मधु मान ने अनुशासन और निरंतर अभ्यास से इस चुनौती को अवसर में बदला।
उत्तर भारत से अकेली महिला पदक विजेता
इस साल के टूर्नामेंट में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और उत्तराखंड की कोई भी महिला खिलाड़ी पोडियम तक नहीं पहुंच सकी। ऐसे में मधु मान का दो सिल्वर मेडल जीतना पूरे उत्तर भारत के लिए खास उपलब्धि माना जा रहा है।
खेल विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रदर्शन महिला अधिकारियों के लिए एक मजबूत प्रेरणा है, खासकर उन लोगों के लिए जो करियर के साथ खेल को भी जारी रखना चाहती हैं।
लगातार सात साल मेडल जीतने का अनोखा रिकॉर्ड
मधु मान ने इस टूर्नामेंट के जरिए एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है।
वे 2018 से अब तक लगातार सात वर्षों में इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में मेडल जीतने वाली देश की पहली महिला अधिकारी बन चुकी हैं। कोविड काल के छोटे अंतराल को छोड़ दें तो उनका प्रदर्शन हर साल स्थिर और प्रभावशाली रहा है।
खेल विशेषज्ञों के अनुसार, यह रिकॉर्ड न सिर्फ फिटनेस बल्कि मानसिक मजबूती और दीर्घकालिक अनुशासन का उदाहरण है।
किन स्पर्धाओं में मिला सिल्वर मेडल
गांधीनगर में आयोजित मुकाबलों में मधु मान ने दो वर्गों में फाइनल तक पहुंच बनाई:
- मिक्स्ड वेटरन 45 प्लस डबल्स
- वुमन डबल्स
मिक्स्ड डबल्स के फाइनल में उनका मुकाबला गुजरात की मजबूत जोड़ी आईआरएस अधिकारी धर्मेंद्र शर्मा और वंदना सागर से हुआ। इससे पहले सेमीफाइनल में उन्होंने आंध्र प्रदेश की खिलाड़ी अंजनी साहू को हराकर फाइनल में प्रवेश किया।
हरियाणा की जर्सी में पहला टूर्नामेंट
यह टूर्नामेंट मधु मान के लिए एक और वजह से खास रहा। यह पहला अवसर था जब उन्होंने हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता। इससे पहले वे चंडीगढ़ प्रशासन में प्रतिनियुक्ति के दौरान यूटी की ओर से खेलती रही थीं।
राज्य बदला, लेकिन प्रदर्शन की निरंतरता बनी रही।
पिछले वर्षों का मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड
मधु मान का राष्ट्रीय टूर्नामेंट रिकॉर्ड खुद उनकी निरंतर सफलता की कहानी कहता है:
- पुणे में दो गोल्ड और एक सिल्वर
- जयपुर में दो गोल्ड
- चंडीगढ़ में एक गोल्ड और दो सिल्वर
- पंचकूला में एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज
- उदयपुर में दो गोल्ड
खेल अधिकारियों का कहना है कि यह उपलब्धियां यह साबित करती हैं कि उम्र नहीं, बल्कि नियमित अभ्यास और जुनून खेल को आगे बढ़ाता है।
क्यों यह उपलब्धि मायने रखती है
यह सफलता केवल व्यक्तिगत नहीं है। यह:
- महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है
- प्रशासनिक सेवाओं में खेल संस्कृति को बढ़ावा देती है
- यह संदेश देती है कि वर्क लाइफ बैलेंस संभव है
केंद्रीय सिविल सर्विसेज कल्चरल एंड स्पोर्ट्स बोर्ड, नई दिल्ली के इस आयोजन में मधु मान की उपलब्धि यह दिखाती है कि अगर संकल्प मजबूत हो, तो अफसरशाही की सीमाएं खेल के मैदान तक सीमित नहीं रहतीं।