हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों की जीत: 8 मांगों पर बनी सहमति
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय आंदोलन: छात्रों की एकजुटता का परिणाम
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय आंदोलन: छात्रों की जीत हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के छात्रों ने हिसार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है। छात्रों और सरकार के बीच आठ प्रमुख मांगों पर सहमति बनी है, जिससे लंबे समय से चल रहा धरना समाप्त होने की ओर अग्रसर है।
यह सहमति छात्रों की एकजुटता और सरकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया का परिणाम है। आइए, इस आंदोलन की कहानी और सहमति के मुख्य बिंदुओं को समझते हैं।
छात्रों की मांगें और सरकार का उत्तर
हिसार के HAU में छात्र अपनी मांगों को लेकर डटे रहे। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने छात्रों से फोन पर बात की, जिसके बाद एसडीएम ज्योति मित्तल ने PWD रेस्ट हाउस में चर्चा के लिए छात्रों को आमंत्रित किया। छात्रों ने स्कॉलरशिप नीति को बढ़ाने और पुरानी नीति को बनाए रखने की मांग की, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया।
सबसे महत्वपूर्ण मांग थी कुलपति को छुट्टी पर भेजने की। सरकार ने कुलपति को छह महीने की छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया। इसके साथ ही, एक रिटायर्ड जज की समिति मामले की जांच करेगी। छात्रों ने यह भी मांग की थी कि आंदोलन में शामिल किसी भी छात्र पर कोई कानूनी कार्रवाई या अनुशासनात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा, जिसे मान लिया गया।
विश्वविद्यालय प्रशासन में बदलाव
सहमति के तहत विश्वविद्यालय में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। डायरेक्टर स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. मदनलाल खीचड़ को हटाकर डॉ. एसके पाहूजा को यह जिम्मेदारी दी गई है। मुख्य सुरक्षा अधिकारी सुखबीर सिंह को सेवानिवृत्ति तक HAU कैंपस से बाहर रखा जाएगा। रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारियों को भी उनके पदों से हटा दिया जाएगा।
छात्रों की फीस बढ़ोतरी के अनुपात में स्कॉलरशिप में भी वृद्धि की जाएगी। HAU के 93वें संशोधन को रद्द कर दिया गया है। JRF और प्रवेश परीक्षा वालों की फीस को भी समान किया जाएगा। ये निर्णय छात्रों के लिए एक बड़ी राहत साबित होंगे।
शिक्षा क्षेत्र में नई उम्मीद
यह सहमति छात्रों की जीत के साथ-साथ विश्वविद्यालय और सरकार के बीच बेहतर तालमेल का प्रतीक है। छात्रों ने कहा कि जैसे ही उनकी मांगों पर अमल शुरू होगा, वे धरना समाप्त कर देंगे। यह आंदोलन शिक्षा सुधार और छात्र हितों की रक्षा का प्रतीक बन गया है।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय अब एक नई शुरुआत की ओर बढ़ रहा है। यह घटना दर्शाती है कि एकजुटता और सही दिशा में कदम उठाने से बदलाव संभव है।