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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी बिहार में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी 20 नवंबर को बिहार में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे हैं। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर प्रचार किया था, जिसमें सभी सीटें गठबंधन के उम्मीदवारों ने जीतीं। जानें उनके प्रचार कार्य और विशेष ट्रेनें जो बिहारी मतदाताओं को वोट डालने के लिए भेजी गईं।
 

नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को


चंडीगढ़: बिहार में 20 नवंबर को नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को इस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। इससे पहले, नायब सैनी ने बिहार विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर प्रचार किया था, जिसमें सभी सीटें गठबंधन के उम्मीदवारों ने जीतीं।


सीएम नायब सैनी का प्रचार कार्य

नायब सैनी के नेतृत्व में भाजपा ने हरियाणा में बिहार के मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए कई प्रयास किए। छठ पूजा के दौरान विशेष कदम उठाए गए थे। सरकार ने उद्योगपतियों से आग्रह किया था कि वे बिहार के मतदाताओं को वोटिंग के लिए वेतन सहित छुट्टी दें।


सीटों पर प्रचार की जानकारी


  • गया के वजीरगंज से भाजपा के बीरेंद्र सिंह ने जीत हासिल की, जहां नायब ने 4 नवंबर को जनसभा की थी।

  • भोजपुर की तरारी सीट पर नायब ने 29 अक्टूबर को रैली की, जहां भाजपा के विशाल प्रशांत ने जीत दर्ज की।

  • पूर्वी चंपारण की रामनगर सीट पर भाजपा के नंदकिशोर राम ने राजद के सुबोध कुमार को हराया, यहां नायब ने 9 नवंबर को प्रचार किया था।

  • औरंगाबाद की गोवा सीट पर भाजपा के डॉ. रणविजय कुमार ने राजद के अमरेंद्र कुमार को हराया।

  • गया की गुरुआ सीट पर भाजपा के उपेंद्र प्रसाद ने राजद के विनय कुमार को हराया।

  • रोहतास की डेहरी सीट पर भाजपा गठबंधन के राजीव रंजन सिंह ने राजद के गुड्डू कुमार चंद्रवंशी को हराया।

  • पश्चिमी चंपारण की बगहा सीट पर भाजपा के राम सिंह ने कांग्रेस के जयेश मंगलम सिंह को हराया।

  • भोजपुर की आरा सीट पर भाजपा के संजय सिंह टाइगर ने क्यामुद्दीन अंसारी को हराया।


प्रवासियों के लिए विशेष ट्रेनें

हरियाणा भाजपा की एक टीम ने बिहार में मोर्चा संभाला, जबकि दूसरी टीम ने हरियाणा में बिहारी मतदाताओं के साथ जनसंपर्क किया। मतदाताओं को वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विशेष ट्रेनों का आयोजन किया गया।


पानीपत, सोनीपत, और गुरुग्राम जैसे शहरों से बिहारी मतदाताओं को उनके मूल क्षेत्रों में भेजा गया, और कार्यक्रमों का आयोजन कर यह सुनिश्चित किया गया कि वे लोकतंत्र के इस पर्व में भागीदार बनें।