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हरियाणा कोर्ट का अनोखा फैसला: पुलिस इंस्पेक्टर को एक घंटे की जेल

हरियाणा की एक विशेष अदालत ने एक पुलिस इंस्पेक्टर को एक घंटे के लिए जेल में रखने का आदेश दिया, जिससे पूरे प्रदेश में हलचल मच गई है। यह निर्णय तब लिया गया जब इंस्पेक्टर बार-बार कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। इस फैसले ने पुलिस विभाग में नाराजगी पैदा की है, जबकि कानूनी विशेषज्ञ इसे न्यायिक अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक मानते हैं। जानें इस अनोखे मामले की पूरी कहानी।
 

हरियाणा कोर्ट का निर्णय

हरियाणा कोर्ट का निर्णय: 'आप एक घंटे के लिए जेल में रहेंगे।' यह सुनकर न केवल आप, बल्कि हरियाणा कोर्ट में उपस्थित सभी लोग हैरान रह गए। जब कोर्ट ने एक पुलिस अधिकारी को एक घंटे के लिए जेल में रखने का आदेश दिया, तो यह निर्णय पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया। कैथल जिले की विशेष अदालत ने पुलिस विभाग की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई करते हुए एक इंस्पेक्टर को एक घंटे के लिए जेल में डालने का आदेश दिया।


इस कार्रवाई की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें इंस्पेक्टर वर्दी में नजर आ रहे हैं और वह सलाखों के पीछे बैठे हुए हैं। आमतौर पर ऐसा निर्णय बहुत ही असामान्य माना जाता है, लेकिन कोर्ट ने पुलिस अधिकारी के व्यवहार को देखते हुए यह सख्त कदम उठाया।


मामले की जानकारी

जानें क्या है मामला


यह मामला तब बढ़ा जब SHO को कई बार बुलाने के बावजूद वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। इससे नाराज होकर कोर्ट ने उन्हें न्यायालय की अवमानना मानते हुए विशेष सजा सुनाई। अब यह मामला पुलिस और न्यायपालिका के बीच चर्चा का बड़ा मुद्दा बन गया है।


अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहित अग्रवाल की अदालत ने इंस्पेक्टर राजेश कुमार को बार-बार गैरहाजिर रहने पर हिरासत में लेने का आदेश दिया। कोर्ट के निर्देश पर उन्हें 10:30 बजे से 11:30 बजे तक कोर्ट परिसर में बने बक्शी खाने (सलाखों) के पीछे बैठाया गया। इस दौरान वह वर्दी में थे और कई लोगों ने उन्हें इस स्थिति में देखा।


इंस्पेक्टर पर आरोप

इंस्पेक्टर पर थे आरोप


इंस्पेक्टर राजेश कुमार वर्तमान में सिरसा जिले के बड़ाबूढ़ा थाने में SHO के पद पर तैनात हैं। उन पर आरोप है कि वे कई बार गवाही के लिए कोर्ट में पेश नहीं हुए। लगातार अनुपस्थिति के कारण कोर्ट ने 29 अगस्त को उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। बाद में जब वह पेश हुए, तो कोर्ट ने उन्हें एक घंटे की हिरासत में रखने का आदेश दे दिया।


पुलिस महकमे में नाराजगी

पुलिस महकमे में नाराजगी


इस फैसले को लेकर पुलिस विभाग में नाराजगी व्यक्त की जा रही है। कई अधिकारियों का मानना है कि SHO के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई आवश्यक नहीं थी। वहीं, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि कोर्ट ने यह कदम न्यायिक प्रक्रिया में लापरवाही रोकने और अनुशासन बनाए रखने के लिए उठाया है।